जयपुर: राजस्थान में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों ने राजनीतिक दलों का भाग्य जरूर पलट दिया है, लेकिन अब भी किसानों को पहले की ही तरह समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. एक तरफ जहां पहले यूरिया को लेकर किसान चिंताग्रस्त थे तो वहीं अब सिंचाई के पानी के रेगुलेशन में किए गए बदलाव ने किसानों की समस्याएं बढ़ा दी है.
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प्रदेश के नहरी क्षेत्र के किसान यूरिया खाद की किल्लत का सामना कर रहे हैं. यूरिया के लिए लंबी लंबी कतारों में पुरुषों के साथ महिलाएं भी खड़ी हुई दिख रही हैं. हालांकि, प्रशासन ये दावा कर रहा है कि यूरिया की किल्लत का समाधान कर दिया गया है. किन्तु किसान आज भी अपनी आवश्यकता के हिसाब से यूरिया के लिए चक्कर काट रहे हैं. जिसके बाद अब उन्हें पानी की समस्या भी झेलना पड़ रही है.
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सिचाईं विभाग द्वारा IGNP नहर के सिंचाई रेगूलेशन के बदलाव किए जाने के बाद किसानों में भारी आक्रोश दिखाई दे रहा है. खाजूवाला, छतरगढ, पूगल ,दन्तोर, रावला घडॉसाना आदी इलाकों के किसानों द्वारा सिंचाई रेगुलेशन को मार्च महीने तक पूर्ववत रखकर चार में से दो समूहों में सिचाईं के लिए पानी देने की मांग को लेकर अब आंदोलन की कोशिएन तेज हो गई हैं. किसान संघर्ष समिति की बैठक में आगामी 4 जनवरी को खाजूवाला, रावला, घड़साना, छतरगढ़, पूगल के किसानों द्वारा खाजूवाला उपखण्ड कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन और आंदोलन करने का फैसला लिया गया है. आपको बता दें कि कांग्रेस सरकार ने राजस्थान में चुनाव के दौरान किसानों की कर्जमाफी का ऐलान किया था, जो अभी तक नहीं किया गया है, वहीं अब नई सरकार के समक्ष नई मुसीबत खड़ी हो गई है.
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