जयपुर: राजस्थान की गहलोत सरकार किसानों के लिए एक और अहम फैसला लेने जा रही है. कर्नाटक सरकार की तर्ज पर राजस्थान सरकार किसानों को दीर्घकालीन ऋण पर 9.1 प्रतिशत तक रियायत दे सकती है. वित्त विभाग की स्वीकृति मिलने के बाद सहकारिता विभाग किसानों को डिस्काउंट के आदेश जारी करेगा. उल्लेखनीय है कि, बीते महीने भूमि विकास बैंक के अधिकारी कर्नाटक में दीर्घकालीन फसली ऋण योजना का अध्ययन करने गए थे.
जिसके बाद सहकारिता विभाग ने प्रदेश सरकार को रिपोर्ट सौप दी है. अगर कर्नाटक का फार्मूला राजस्थान में लागू होता है तो, केवल 3 फीसदी ब्याजदर पर किसानों को दीर्घकालीन ऋण मिल सकेगा. कर्नाटक में दीर्घकालीन फसली लोन लेने वाले किसानों को बड़ी सब्सिडी दे रही है. कर्नाटक में 12.5 फीसद की दर से किसानों को दीर्घकालीन फसली ऋण दिया जाता है. जिसमें से 9.5 प्रतिशत ब्याज की राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाती है और महज 3 फीसदी ब्याज की राशि का भुगतान किसानों को देना पड़ता है. देश में सबसे कम ब्याजदर पर दीर्घकालीन फसली ऋण देने वाला प्रदेश कर्नाटक है.
राजस्थान में किसानों को दीर्घकालीन फसली ऋण लेने पर 12.1 प्रतिशत ब्याज चुकाना पड़ता है. जिसमें से 5 प्रतिशत किसानों को और 7.1 फीसदी ब्याज की राशि प्रदेश सरकार द्धारा वहन की जाती है. किन्तु कर्नाटक फार्मूला लागू होने के बाद केवल 3 प्रतिशत ब्याजदर पर ही किसानों को दीर्घकालीन ऋण मिल पाएगा. यानि स्पष्ट तौर पर किसानों को 9.1 प्रतिशत छूट मिलेगी.
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