जयपुर: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने केन्द्रीय कृषि अधिनियम के विरुद्ध विधानसभा में संशोधन विधेयक पेश कर दिया है। इन तीनों कानूनों के खिलाफ लाए गए संशोधन विधेयक पर सोमवार को बहस की जाएगी। जहां विपक्ष ने बिल को सदन में पेश करने के साथ ही जमकर हंगामा किया, वहीं सरकार की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि किसानों के हितों को बाधित होने से रोकने के लिए राजस्थान सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।
बता दें कि पंजाब इस मामले में पहले ही चार संशोधन विधेयक पारित करवा चुका है। विधानसभा के पांचवें सत्र की मीटिंग 31 अक्टूबर की सुबह 11 बजे आरंभ हुई। विधानसभा का विशेष सत्र शनिवार को आरंभ हुआ। शोकाभिव्यक्ति के बाद विधानसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित करने से पहले संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने इन तमाम संशोधन विधेयक को विधानसभा में पेश किया।
बीएसी की मीटिंग में भी इन पर चर्चा के लिए सोमवार का दिन निर्धारित कर लिया गया। सरकार की दलील है कि केंद्र सरकार की तरफ से कृषि विपणन कानून लाए जाने का पूरे देश के किसान विरोध कर रहे हैं क्योंकि इसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद की अनिवार्यता का प्रावधान नहीं किया गया है। ऐसे में किसानों को तबाह होने से बचाने के लिए ही इन तीनों संशोधन विधेयक को लाया गया है।
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