जयपुर: राजस्थान के भीलवाड़ा में रहने वाले हिन्दुओं की माँग है कि 45 सालों से बंद देवनारायण मंदिर को खोला जाए और उसमें पूजा-अर्चना की अनुमति दी जाए। गुर्जर समाज समेत पूरे हिन्दू समुदाय के विभिन्न लोगों ने मांडल कस्बे के इस मंदिर को खुलवाने के लिए 17 किमी लंबा मार्च निकाला। इसके साथ ही हिन्दुओं ने जिला प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा। इस दौरान जेल चौराहा छावनी में तब्दील रहा। सवाईभोज महंत सुरेशदास, नीलकंठ महादेव मंदिर के महंत दीपकपुरी, मालासेरी के पुजारी हेमराज पोसवाल और देवनारायण संघर्ष समिति के संयोजक उदयलाल भडाणा के नेतृत्व में ये मार्च निकाला गया।
सोमवार (14 मार्च, 2022) को सुबह 10 बजे मांडल में मेजा रोड स्थित तेजाजी चौक से प्रदर्शनकारियों ने पैदल मार्च निकाला। जुलूस में रथ पर भगवान देवनारायण के चित्र को भी विराजमान किया गया था। इस मार्च में कई कार और बाइक पर युवक झंडा लेकर मौजूद थे। जेल चौराहा पर बैरिकेडिंग की गई थी, जहाँ धरना दिया गया। दरअसल, एक कार्यक्रम में स्टेज से पुलिस और प्रशासन काे चुनाैती देने के बाद गाेपालसिंह गुर्जर बस्सी नामक युवक ने 11 मार्च, 2022 काे मांडल में 45 वर्षों से बंद पड़े देवनारायण मंदिर के ताले ताेड़ दिए थे।
इसके बाद गोपाल के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को भड़काने के साथ ही कोर्ट की अवमानना की धाराओं में केस दर्ज किया गया था। गोपाल सिंह बस्सी ने धरने को संबोधित भी किया। बता दें कि 1977 से ही इस मंदिर की जमीन विवादित है और अदालत ने इसमें ताला लगवा कर चाभी मांडल थाने में जमा करवा दी थी। पुलिस का कहना है कि इस भूखंड में एक ढाँचा है, जिस पर दूसरे मजहब का दावा है। युवक ने कहा कि वो ताला तोड़ कर अपने आप को सौभाग्यशाली मान रहे हैं।
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