नागौर: शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई भामाशाह भिन्न-भिन्न तरीके से दान करते हैं तथा अपना नाम इस विश्व में अमर कर जाते हैं। किन्तु राजस्थान के नागौर जिले के निवासी "जगत मामा" के नाम से लोकप्रिय पूर्णाराम ने एक अनपढ़ शख्स होने के बाद भी विद्यालयों की शिक्षा को बढ़ावा देने तथा विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया। तथा तो और उन्होंने अपनी स्वयं की 300 बीघा पुश्तैनी जमीन बेचकर तकरीबन 4 करोड़ रुपए की रकम स्कूली विद्यार्थियों में और विद्यालयों में बांट दी। ऐसे शख्स विरले ही पैदा होते हैं।
दरअसल, स्कूली विद्यार्थियों को पारितोषिक के तौर पर इनाम स्वरूप तकरीबन 4 करोड़ रुपए की राशि बांट कर जाने वाले पूर्णाराम अब इस विश्व में नहीं रहे हैं। उनका 2 दिन पूर्व देहांत हो चुका है। उनका देहांत होने के पश्चात् नागौर जिला ही नहीं आसपास के जिलों में जहां भी वह गए हैं, लोग उन्हें याद कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर जगत मामा के देहांत की खबर और उनकी जिंदगी की कहानी ट्रेंड कर रही है। हर कोई उनकी पोस्ट को साझा कर रहा है तथा समाचार पत्रों में लगी खबरों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर डाल कर जगत मामा पूर्णाराम को श्रद्धांजलि दे रहे है।
वही यहां तक की सीएम अशोक गहलोत तथा पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जगत मामा की खबर को शेयर करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। नागौर जिले के ऐसे अनेक प्रतिभाशाली विद्यार्थी हैं जो ऊंचे ऊंचे पदों पर आसीन होकर सेवानिवृत हो चुके हैं या नौकरियां कर रहे हैं। उन्होंने भी जगत मामा के हाथ से पारितोषिक प्राप्त किया है। जगत मामा पूर्णाराम का कार्यक्षेत्र सिर्फ नागौर जिला ही नहीं था वह आसपास के जिलों में भी विद्यालयों में जाते थे तथा अपने थैले में रखे रूपये निकालकर होनहार विद्यार्थियों को बांटते थे। इसके अतिरिक्त वे शिक्षा सामग्री जैसे कॉपी किताब पेन आदि भी बच्चों में वितरित करते थे।
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