जयपुर: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया है। जी दरअसल उन्होंने कहा है कि पहली से लेकर 12वीं तक के सभी 1।5 करोड़ स्टूडेंट्स को बिना परीक्षा प्रमोट नहीं किया जाएगा। वैसे उनके इस फैसले के चलते पैरेंट्स की जिम्मेदारी बढ़ गई है। आप जानते ही होंगे कोरोना (COVID-19) के कारण फिलहाल प्रदेश में स्कूल बंद हैं और सरकार ने नंवबर के आखिरी दिन तक स्कूल बंद रखने के बारे में कहा है। ऐसे में अब स्कूल दिसंबर के पहले सप्ताह में खुल सकते हैं लेकिन उसके पहले यह निर्णय लिया जा चुका है कि पहली से लेकर 12वीं तक के सभी 1।5 करोड़ स्टूडेंट्स को बिना परीक्षा प्रमोट नहीं किया जाएगा।
वहीं स्कूल खोलने का निर्णय कोरोना वायरस के कारण टाला भी जा सकता है। बीते दिनों ही शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह ने कहा है कि, 'अगर कोविड-19 धीमा पड़ता है तो सरकार स्कूल खोल सकती है। लेकिन जिस तरह से सर्दी बढ़ने के साथ ही कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उसके चलते फिलहाल स्कूल खुलने की संभावना नहीं दिख रही है। ऐसे में परेशानी उन स्टूडेंट्स को आने वाली है जिनके पास ऑनलाइन पढ़ाई के लिए कोई साधन नहीं है। शिक्षा विभाग ने अभिभावकों से आग्रह किया है कि वह स्टूडेंट्स की पढ़ाई उसी तरह से कराएं जैसे पहले कराई जा रही थी।'
इसी के साथ सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि 'इस साल जीरो सेशन नहीं होगा। इस सिलसिले में कक्षा 1 से 9 और 11वीं के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा क्रमोन्नत नहीं किया जाएगा। कक्षा 10 और 12वीं की बोर्ड परीक्षा हर हाल में आयोजित होगी। पहली से बारहवीं तक सभी कक्षाओं की इस सत्र में परीक्षा होगी।'
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