जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर में दिल का दौरा पड़ने के कारण समाजसेवी हाजी रफअत अली के देहांत के बाद उनकी अंतिम यात्रा में जमकर कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियाँ उड़ीं। हैरानी की बात ये है कि राजस्थान पुलिस ने यहाँ जुटी 15 हजार की भीड़ को रोकने या उनसे कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करने की जगह, उलटा उन्हें सुरक्षा प्रदान की और अन्य लोगों की तरह पुलिस खुद भी जनाजे के साथ-साथ चलती रही। इनके साथ ही राज्य की सत्ताधारी पार्टी के दो नेता भी इस अंतिम यात्रा का हिस्सा बने।
अब इस पूरी घटना की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हाजी रफअत अली की अंतिम यात्रा में भीड़ कैसे बिना किसी सोशल डिस्टेंसिंग के खुली सड़क पर चल रही है और इनमें से काफी लोगों ने मुँह पर मास्क तक नहीं लगा रखा है। वीडियो के वायरल होने के बाद रामगंज पुलिस ने नियमों का उल्लंघन व कोरोना महामारी अधिनियम के तहत MLA रफीक खान समेत 11 लोगों पर नामजद व अन्य के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया है।
बता दें कि समाजसेवी के रूप में पहचाने जाने वाले हाजी रफअत अली के ही कहने पर ही कुछ दिन पहले ईद का जुलूस स्थगित किया गया था। ऐसे में शर्मनाक बात ये है कि उनकी ही अंतिम यात्रा में उनके अनुयायियों ने न सिर्फ कोविड गाइडलाइन्स की जमकर धज्जियाँ उड़ाईं बल्कि उनकी बात का भी अनादर किया। इस दौरान पुलिस ने भी किसी को नहीं रोका। जनाजे के साथ खुद DCP अनिल पारिस देशमुख, RPS सुमित शर्मा, सुनील शर्मा, रामगंज थानाधिकारी बीएल मीना, सुभाषचौक थानाधिकारी भूरी सिंह उपस्थित रहे।
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