जयपुर: राजस्थान के कोटा जिले में 6 वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार करने के एक मामले में दोषी पाए गए मदरसे के मौलवी और उर्दू टीचर अब्दुल रहीम को अदालत ने अंतिम साँस तक जेल की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने दोषी मौलवी पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। पीड़ित बच्ची के साथ बलात्कार की वारदात नवंबर 2021 में हुई थी। फैसला सुनाते वक़्त स्पेशल जज दीपक दुबे भावुक हो गए। उन्होंने पीड़ित बच्ची के लिए अपने द्वारा लिखी कविता सुनाई। उन्होंने अपनी कविता में कहा कि, 'ओ मेरी नन्ही मासूम परी रानी तुम खुश हो जाओ। तुम्हें रुलाने वाले दुष्ट राक्षस को हमने जिंदगी की आखिरी साँस तक के लिए सलाखों के पीछे भेज दिया है। अब तुम इस धरती पर निडर होकर अपने सपनों के खुले आसमान में उड़ सकती हो, तुम हंसती रहो, चहकती रह, यही हमारा प्रयास है।'
5 महीने पुराने केस में पॉक्सो कोर्ट ने मंगलवार (10 मई 2022) को मौलवी अब्दुल रहीम को आजीवन कैद की सजा सुनाई है। 1 लाख अर्थदंड भी लगाया गया है। दोषी मौलवी अब्दुल रहीम की आयु 43 वर्ष है। वह कोटा के रामपुरा का निवासी है। अब्दुल रहीम पेशे से उर्दू टीचर था। बच्चों को उर्दू पढ़ाता था। उसने ट्यूशन पढ़ने आई 6 साल की मासूम के साथ बलात्कार किया था। बलात्कारी अब्दुल रहीम के खुद 4 बच्चों का पिता है। उसकी 1 बेटी व 3 बेटे हैं। अब्दुल 4 माह पूर्व पीड़िता के गाँव में आया था। यहाँ वह मदरसे में रहता था। उसे गत वर्ष 14 नवंबर को अरेस्ट किया गया था। मामले के मुताबिक, दीगोद थाने पर 13 नवंबर, 2021 को एक शख्स ने आकर रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उसकी 6 वर्षीय बेटी दोपहर 3 बजे मदरसे में पढ़ने जाती है। वहाँ पर कोटा से आए हुए मौलवी उर्दू बच्चों को पढ़ाते हैं। पिता ने बताया था कि उनमें 6 वर्षीय उसकी बेटी भी पढ़ने जाती है। बच्ची मदरसे से वापस लौटी तो बहुत रो रही थी। बच्ची की माँ और ताई ने उससे रोने की वजह पूछी, तो बालिका ने बताया कि मौलवी अब्दुल रहीम ने उसे कमरे में बुलाया और उसके साथ खोटा काम किया। इस पर पुलिस ने पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी।
बालिका के 164 के बयान दर्ज करवाए गए। इसके बाद पुलिस ने मौलवी अब्दुल रहीम को अरेस्ट कर लिया। साथ ही उसका पोटेंसी टेस्ट भी करवाया गया। इसके अलावा DNA भी मैच हुआ था। विशेष लोक अभियोजक ललित शर्मा ने बताया है कि घटना नवंबर माह की है। इस मामले में साढ़े 4 माह ट्रायल चला है। पुलिस ने घटना के बाद जनवरी में ही चालान पेश कर दिया था। अदालत में 13 गवाह और 23 दस्तावेज पेश किए गए थे। इन सभी सबूतों के आधार पर न्यायालय ने आरोपित को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है।
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