उदयपुर: राजस्थान में राज्यसभा (Rajasthan Rajya Sabha Election) की 4 सीटों के लिए चुनाव की दिनांक पास आने के साथ ही सियासी गतिविधियां जोर पकड़ती जा रही हैं। प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने अपने व अपने समर्थक विधायकों को उदयपुर (Udaipur) भेजने का निर्णय लिया है। वहीं बहुजन समाज पार्टी की राजस्थान इकाई ने मांग की है कि उसके टिकट पर चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस में सम्मिलित हुए 6 विधायकों को इन चुनाव में हिस्सा लेने से रोका जाए।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान कांग्रेस ने अपने विधायकों को उदयपुर के एक होटल में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है, जहां पार्टी ने मई के मध्य में एक अखिल भारतीय चिंतन शिविर आयोजित किया था। पार्टी नेताओं ने कहा, भाजपा उसके विधायकों का शिकार कर सकती है। प्रदेश के एक कांग्रेस नेता ने घटनाक्रम से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि, पार्टी विधायकों को उदयपुर पहुंचने के लिए बोला गया है। कुछ के आज जाने की संभावना है, तथा शेष कल तक पहुंचेंगे। कांग्रेस विधायकों के अतिरिक्त, निर्दलीय विधायकों और अन्य दलों के जो सत्तारूढ़ दल का समर्थन कर रहे हैं, उन्हें भी उदयपुर स्थानांतरित कर दिया जाएगा। प्रदेश से राज्यसभा की 4 सीटों के लिए अब कुल 5 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनमें कांग्रेस के 3, बीजेपी का एक व एक निर्दलीय प्रत्याशी है। मतदान 10 जून को होगा।
वही कांग्रेस ने राज्यसभा से पहले अपने विधायकों को एक जगह रखने का निर्णय मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा के निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल करने के एक दिन बाद आया है। चंद्रा वर्तमान में हरियाणा से राज्यसभा के सदस्य हैं तथा उनका कार्यकाल एक अगस्त को ख़त्म होने जा रहा है। इस चुनाव में बीजेपी उनका समर्थन कर रही है। कांग्रेस ने मुकुल वासनिक, प्रमोद तिवारी तथा रणदीप सिंह सुरजेवाला को मैदान में उतारा है जबकि बीजेपी ने पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी को प्रत्याशी बनाया है। सीएम अशोक गहलोत ने मंगलवार को निर्दलीय प्रत्याशी चंद्रा को समर्थन देने के बीजेपी के कदम को खेल बताते हुए कहा था कि पार्टी खरीद फरोख्त में सम्मिलित होना चाहती है।
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