राजस्थान चुनाव 2018: यह सीटें बनेंगी कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब

राजस्थान चुनाव 2018: यह सीटें बनेंगी कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब
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जयपुर। राजस्थान में  विधानसभा चुनाव होने में बस अब 2 महीने की शेष बचे हैं। 7 दिसंबर को राज्य में  विधानसभा चुनाव होने हैं। यहां पर अभी बीजेपी सत्ता में हैं, जबकि कांग्रेस सत्ता में वापस  आने के लिए जी—जान से जुटी हुई है। राहुल गांधी ने अपने करीबी सचिन पायलट को राजस्थान चुनावों की बागडोर सौंपी है। इस बार जो आंकलन लगाया जा रहा है, उसके अनुसार, राज्य में बीजेपी की अंदरूनी भितरघात के चलते पार्टी को  आगामी चुनावों में नुकसान होने की आशंका है।  इस बात से कांग्रेस काफी खुश नजर आ रही है, लेकिन इन सबके बीच कांग्रेस के लिए एक परेशानी वाली बात भी है। दरअसल, 200 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में लगभग 37 सीटें ऐसी हैं, जहां पर पिछले 15 सालों से कांग्रेस को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में कांग्रेस को इन सीटों पर अपना पूरा जोर लगाना होगा। इनमें से मुख्य सीटे हैं-

झालरापाटन-  यह सूबे की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सीट हैं। ​पिछले तीन चुनावों से वही यहां से जीतती हैं। कांग्रेस इस सीट पर पूरा ध्यान दे रही है और उसने अपने सेवादल की लिस्ट में भी इसे शामिल किया है। 

उदयपुर- इस सीट पर भी पिछले तीन बार से बीजेपी के गुलाब चंद कटा​रिया का कब्जा है। कांग्रे ने पिछले चुनावों में यहां पर  अपने प्रत्याशी भी बदले, लेकिन वह भी इस सीट को बीजेपी से छीन नहीं पाए। 

भरतपुर- इस सीट पर भी पिछले 15 साल से कांग्रेस चुनाव हार रही है। यहां पर बीजेपपी के कद्दावर नेता विजय बंसत लगातार अपना कब्जा जमाए  हुए हैं और विजय की विजय को रोकना कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। 

जोधपुर- इस सीट पर भी बीजेपी का कब्जा है। यहां पर 2003 और 2008 में कांग्रेस ने जुगल काबरा को टिकिट दिया था, लेकिन वह इसे जीत न सके। इसके बाद पिछले चुनाव में कांग्रेस ने सूपरस भंडारी को यहां से खड़ा किया, लेकिन बीजेपी को यहां हराना नामुमकिन रहा। 

अजमेर नॉर्थ और अजमेर साउथ-  इन दोनों सीटें बीजेपी के कब्जे में हैं। अजमेर नॉर्थ सीट पर राज्य सरकार के मंत्री वासुदेव देवनानी का दबदबा है। पिछले तीन चुनावों से वह यहां से विधायक हैं। वहीं अजमेर साउथ से भाजपा सरकार में मंत्री अनिता भदेल दो बार से चुनाव जीत रही हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस इन सीटों पर अब अपना कब्जा जमाना चाहती है। इसलिए सचिन पायलट इस  सीट का काम सेवादल को दे सकते हैं। दरअसल, अजमेर सचिन पायलट का गढ़ है और  वह किसी भी कीमत पर इसे खोना नहीं चाहते। 

फुलेरा- जयपुर से थोड़ी ही दूरी पर स्थित फुलेरा विधानसभा सीट भी कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है। इस सीट से लगातार तीन बार बीजेपी प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है। पिछले दो चुनावों से यहां से निर्मल कुमावत विधायक चुने गए हैं। 

जैसलमेर- यह ऐसी सीट हैं, जहां पर कांग्रेस को जीत की बहुत दरकार है। दरअसल, इस सीट से कांग्रेस 1998 से जीत दर्ज नहीं कर पाई है। इस सीट को कांग्रेस के सेवादल ने अपने हाथ में ले लिया है और यहां पर लगातार काम जारी है। 

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