नई दिल्ली: डिप्रेशन इस समय देश-दुनिया के युवाओं में बहुत तेजी से बढ़ रहा है, जिसके कारण आत्महत्या जैसे मामले भी सामने आते हैं. इससे संबंधित एक चिंता बढ़ाने वाली रिपोर्ट लोकसभा में भी पेश हुई. जानकारी दी गई है कि बीते पांच वर्षों में केंद्रीय यूनिवर्सिटीज के छात्रों के सुसाइड के 24 केस दर्ज किए गए हैं. यह आंकड़े सोमवार को लोकसभा में शिक्षा मंत्रालय के राज्यमंत्री राजकुमार रंजन सिंह ने दिए हैं.
प्रश्न काल में मंत्री ने आंकड़े पेश करते हुए बताया है कि 2017 से 2022 तक सेंट्रल यूनिवर्सिटीज में ख़ुदकुशी के 24 केस दर्ज किए गए हैं. हालांकि, सुसाइड के कारण का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा गया है. सिंह ने कहा कि इसमें से दो मामले Teerthanker Mahaveer University, मुरादाबाद के हैं. यह एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी है, जिसमें नवंबर 2018 और अक्टूबर 2021 में सुसाइड के केस दर्ज किए गए थे. राज्यमंत्री राजकुमार रंजन सिंह ने लोकसभा में कहा कि केंद्र सरकार और यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) मिलकर ऐसे कदम उठा रही हैं, जिससे स्टूडेंट्स एक साथ होने वाले उत्पीड़न और भेदभाव के मामलों को कम किया जा सके, या उनपर निगाह रखी जा सके.
बता दें कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सांसद दानिश अली के सवाल का जवाब देते हुए राज्यमंत्री ने यह जानकारी दी थी. हालांकि, बाद में दानिश अली ने लोकसभा में अपना विरोध दर्ज कराया. उन्होंने कहा कि मैंने सवाल किया था कि देश की प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में कितने सुसाइड केस दर्ज हुए हैं, जिसके जवाब से मैं संतुष्ट नहीं हूं. बसपा सांसद ने यूपी में 12वीं कक्षा के इंग्लिश के पेपर के लीक होने का मामला भी उठाया था और जांच की मांग की थी.
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