लखनऊ: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज मंगलवार (31 अक्टूबर) को देश को एकजुट करने में उनके योगदान के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल की 148वीं जयंती पर उनकी सराहना की और कांग्रेस पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके योगदान को उजागर नहीं होने दिया गया। सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में देश के पहले गृह मंत्री की 148वीं जयंती के अवसर पर यहां 'रन फॉर यूनिटी' कार्यक्रम को हरी झंडी दिखाई।
बता दें कि, केंद्र सरकार राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को संरक्षित और मजबूत करने के लिए अपने समर्पण को बढ़ावा देने और सुदृढ़ करने के लिए 2014 से 31 अक्टूबर को 'राष्ट्रीय एकता दिवस' या राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मना रही है। रक्षा मंत्री ने यहां आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि, ''आजादी के बाद छोटी-छोटी रियासतों को एक साथ लाने और अखंड भारत बनाने में सरदार पटेल की भूमिका को देश के लोगों के सामने प्रमुखता से उजागर नहीं होने दिया गया।''
‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के अवसर पर लखनऊ में ‘रन फॉर यूनिटी’ के आयोजन में संबोधन। https://t.co/PvUm1JnAgw
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 31, 2023
यह कहते हुए कि नरेंद्र मोदी सरकार पिछले 10 वर्षों से यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि सरदार पटेल को वह सम्मान मिले जिसके वह वास्तव में हकदार हैं, राजनाथ सिंह ने कहा कि, "2013 में, जब नरेंद्र मोदी जी को प्रधान मंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था, हमारी पार्टी (भाजपा) इस कार्यक्रम का आयोजन किया था और उस समय मैंने ही इसे हरी झंडी दिखाई थी। अब, 10 साल बाद, मैं रक्षा मंत्री के रूप में "रन फॉर यूनिटी" कार्यक्रम को हरी झंडी दिखा रहा हूं। यह कार्यक्रम हर साल आयोजित किया जाता है ताकि देश के युवा सरदार पटेल के महत्व को समझ सकें और लोगों के बीच एकता और अखंडता का संदेश फैलाने के लिए उनसे प्रेरणा ले सकें।"
केंद्रीय मंत्री ने कुछ स्थानों के नाम गिनाते हुए कहा कि अगर सरदार पटेल की दूरदर्शिता न होती तो इन स्थानों पर जाने के लिए लोगों को पासपोर्ट और वीजा की जरूरत पड़ती। उन्होंने कहा, अगर जम्मू-कश्मीर के विलय का मुद्दा सरदार पटेल को सौंपा गया होता तो धारा 370 की समस्या नहीं बढ़ती। उन्होंने कहा, "देश के पहले गृह मंत्री की जयंती के अवसर पर, जहां हम उन्हें याद करते हैं और श्रद्धांजलि देते हैं, वहीं हमें उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं को भी याद करना चाहिए, जिन्होंने भारत को (ब्रिटिश शासन से) आजाद कराया।"
सरदार पटेल के योगदान के बारे में बात करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि, ''15 अगस्त 1947 को जब भारत आजाद हुआ, तो यह 562 रियासतों में बंटा हुआ भारत था। अंग्रेजों ने जानबूझकर रियासतों को विलय करने के बजाय अलग रहने का मौका दिया, देश के गृह मंत्री के रूप में सरदार पटेल के कारण ही पूरा भारत एकजुट हो सका। यह सरदार पटेल की दूरदर्शिता और उनकी रणनीतिक-कूटनीतिक क्षमता ही थी कि भारत की एकता और अखंडता सुनिश्चित की जा सकी। आप सभी ने जूनागढ़ रियासत और निज़ामशाही (हैदराबाद रियासत) के मामलों के बारे में सुना होगा। सरदार पटेल ने इन दोनों रियासतों का भारत में विलय किया था।'
उन्होंने कहा कि, "कल्पना कीजिए अगर सरदार पटेल ने समझदारी और दृढ़ संकल्प नहीं दिखाया होता तो आज भारतीयों को जूनागढ़ और हैदराबाद जाने के लिए वीजा और पासपोर्ट की जरूरत पड़ती।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के केवड़िया में सरदार पटेल की 182 फीट ऊंची प्रतिमा बनवाई है और इसे 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' नाम दिया है। सिंह ने कहा, "यह न्यूयॉर्क में 'स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी' से भी बड़ी है। यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि दुनिया में कोई भी मूर्ति सरदार पटेल की मूर्ति से बड़ी नहीं है।" राष्ट्रीय एकता दिवस के महत्व पर जोर देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, "सरदार पटेल की जयंती एकता और एकजुटता के संकल्प का दिन है और यह अखंडता बनाए रखने का संकल्प लेने का भी दिन है।"
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उनके डिप्टी केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक और अन्य नेताओं ने भी सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की। राजनाथ सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी उनके शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि दी। भारत की पहली और एकमात्र महिला प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की आज ही के दिन 1984 में उनके अंगरक्षकों द्वारा हत्या कर दी गई थी।
डार्क वेब पर लीक हुई 81 करोड़ भारतीयों की संवेदनशील जानकारी ! देशभर में मचा हड़कंप