नई दिल्ली: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO के टर्मिनल बैलेस्टिक रिसर्च लेबोरटरी की मदद से इकॉनमिक एक्सप्लोसिव लिमिटेड द्वारा पहली बार तैयार किए गए मल्टी-मोड हैंड ग्रेनेड को इंडियन आर्मी को सौंप दिया है। राजनाथ सिंह ने इसे पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर की साझेदारी का एक बड़ा उदाहरण करार दिया है।
इस ग्रेनेड कि खासियतें :-
1- यह ग्रेनेड न केवल बेहद घातक है, बल्कि उपयोग करने के लिहाज से सुरक्षित और विश्वसनीय भी है।
2- यह ग्रेनेड ऑफेंसिव और डिफेंसिव दोनों तरीकों से कार्य करता है।
3- इसकी सटीकता 99 फीसद से भी ज्यादा है।
4- पिछले पांच महीनों में 1 लाख से अधिक मल्टी-मोड हैंड ग्रेनेड बनाए गए हैं।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर कहा कि किसी भी इंडस्ट्री के लिए बढ़िया इन्फ्रास्ट्रक्चर सबसे पहली और आवश्यक चीज़ होती है। इसे देखते हुए हमने उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो डिफेंस कॉरिडोर स्थापित किए हैं। ये कॉरिडोर आने वाले समय में न केवल डोमेस्टिक जरूरतों को पूरा करेंगे बल्कि भारत को एक एक्सपोर्ट देश के तौर पर विश्व के समक्ष लाएंगे। राजनाथ सिंह ने कहा कि मल्टी-मोड ग्रेनेड्स की तरह ही 'अर्जुन-मार्क-1' और 'अनमैंड सर्फेस वेकिल' तरह के अनेक उत्पाद हैं, जिनका हमारी इंडस्ट्री पूरी तरह से स्वदेशी उत्पादन करने लगी है। ये सिर्फ हाल के कुछ उपाय हैं, जो सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए किए गए हैं। इन उपायों और कोशिशों की एक लंबी फेहरिस्त है जिसे सरकार ने आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए किए हैं।
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