नई दिल्ली: राज्यसभा स्पीकर एम वेंकैया नायडू ने 12 सांसदों के निलंबन को निरस्त करने के आग्रह को खारिज कर दिया. एम वेंकैया नायडू ने कहा कि, बीते मानसून सत्र का कड़वा अनुभव आज भी हममें से ज्यादातर लोगों को परेशान करता है. वहीं इसको लेकर लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, यहां पर जमींदारी या राजा नहीं है कि हम बात-बात पर इनके पैर पकड़ें और क्षमा मांगे.
अधीर रंजन चौधरी ने इसको लेकर कहा कि, ‘ये जबरन माफी क्यों मंगवाना चाहते हैं. इसे हम बहुमत की बाहुबली कह सकते हैं. उच्च सदन में हमारे साथियों के निलंबन के विरोध में हमने सोनिया गांधी और टीआर बालू की अगुवाई में सदन का बाईकाट किया. हमें हमारी आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है. निलंबन के जरिये डराने का प्रयास हो रही है.’वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया है. उन्होंने कहा ट्वीट में लिखा कि, किस बात की माफ़ी? संसद में जनता की बात उठाने की? बिलकुल नहीं!
वहीं एलओपी राज्यसभा मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी निलंबन के फैसले पर विरोध जाहिर किया है. उनका कहना है कि, ‘माफी मांगने का प्रश्न ही नहीं उठता है. उन्होंने कहा कि सांसदों का निलंबन नियमों के विरुद्ध है और इसे वापस लेना चाहिए. खड़गे ने कहा कि सांसदों को जवाब देने का मौका मिलना चाहिए था.’ उन्होंने आगे कहा कि, ‘हम आपके दफ्तर में 12 सांसदों के निलंबन को रद्द करने का आग्रह करने आए थे. घटना पिछले मानसून सत्र की है. तो, अब आप यह फैसला कैसे ले सकते है.’
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