शेयर मार्केट के बिगबुल राकेश झुनझुनवाला का 62 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली है। उन्हें 2-3 हफ्ते पहले ही हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया गया था। दिग्गज कारोबारी झुनझुनवाला के देहांत की पुष्टि ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल ने कर दी है।
भारत के वारेन बफे (Warren Buffett) कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला की कमाई का मुख्य माध्यम शेयर बाजार है। झुनझुनवाला की इस कामयाब कहानी का आरम्भ सिर्फ 5 हजार रुपये से हुई थी। आज उनकी नेटवर्थ लगभग 40 हजार करोड़ रुपये है। इसी कामयाबी की वजह से झुनझुनवाला को इंडियन स्टॉक मार्केट का बिगबुल एवं भारत का वारेन बफेट बोला जाता है। जब आम निवेशक शेयर बाजार में रूपये गंवा रहे होते हैं, झुनझुनवाला उस वक़्त भी कमाई करने में कामयाब रहते हैं। शेयर बाजार के दिग्गज निवेशक झुनझुनवाला ने दलाल स्ट्रीट (Dalal Street) में वर्ष 1985 में कदम रखा था। उन्हें अपने पिता से शेयर बाजार (Share Market) में रूपये लगाने की प्रेरणा प्राप्त हुई थी।
हालांकि जब झुनझुनवाला ने पहली बार शेयर बाजार में रूपये लगाने का इरादा बनाया तो पिता ने उन्हें पैसे देने से मना कर दिया था। इतना ही नहीं, पिता ने सख्त हिदायत दी थी कि झुनझुनवाला किसी दोस्त से रूपये उधार भी नहीं लें। उन्होंने स्पष्ट कह दिया था कि यदि शेयर बाजार में उतरना है तो पहले उसमें लगाने लायक रूपये अपनी मेहनत से कमाओ। पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) राकेश झुनझुनवाला ने इसके बाद 1985 में 5 हजार रुपये का निवेश कर निवेशक के तौर पर करियर का आरम्भ किया। उन्हें सबसे बड़ा ब्रेकथ्रु मिला टाटा के शेयर से। उन्होंने एक वक़्त टाटा समूह (Tata Group) की कंपनी टाटा टी (Tata Tea) के 5 हजार शेयर 43 रुपये के हिसाब से खरीदा। 3 महीने में ही टाटा टी का शेयर बहुत चढ़ गया। तब झुनझुनवाला ने इस शेयर को 143 रुपये के हिसाब से बेच डाला। यह 1986 की बात है तथा इस फैसले ने झुनझुनवाला को 3 महीने में 2.15 लाख के निवेश पर 5 लाख रुपये का फायदा करा दिया। अगले 3 वर्ष में राकेश झुनझुनवाला शेयर में रूपये लगाकर करोड़पतियों की फेहरिस्त में आ गए। इन 3 वर्षों में उन्होंने लगभग ढाई करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। टाटा समूह की ही एक अन्य कंपनी ने झुनझुनवाला को बिगबुल बना दिया। उन्होंने वर्ष 2003 में टाटा समूह की कंपनी टाइटन (Titan) में रूपये लगाए। तब उन्होंने तीन रुपये के हिसाब से टाइटन के 6 करोड़ शेयर खरीदे। एक वक़्त झुनझुनवाला के पास टाइटन के लगभग 4.5 करोड़ शेयर हो गए, जिनकी वैल्यू 7000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई।
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