नई दिल्ली: तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने की घोषणा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर दी है. पीएम मोदी की तरफ से नए कृषि कानून वापस लिए जाने का ऐलान किए जाने के बाद सबसे बड़ा सवाल ये है कि विगत एक वर्ष से जारी किसानों का आंदोलन कब खत्म होगा? किसान नेता राकेश टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि सरकारी टीवी से ऐलान हुआ है. उन्होंने कहा कि यदि कल बातचीत करनी पड़े तो किससे करेंगे?
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) राकेश टिकैत ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री को इतना मीठा भी नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि 750 किसान शहीद हुए, 10 हजार केस दर्ज हैं. बिना बातचीत के कैसे चले जाएं. प्रधानमंत्री ने इतनी मीठी भाषा का इस्तेमाल किया कि शहद को भी फेल कर दिया. हलवाई को तो ततैया भी नहीं काटता. वह ऐसे ही मक्खियों को उड़ाता रहता है. वहीं, आज किसान संगठनों की बड़ी बैठक होने वाली है. जिसमे कृषि कानूनों की निरस्ती के बाद आगे की योजना पर मंथन किया जाएगा.
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा के अनुसार, आज पंजाब के जत्थेबंदियों की बैठक होगी, इसमे 32 संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. उससे पहले 9 सदस्यों की कमेटी की मीटिंग होगी. वहीं, कल 21 नवम्बर को SKM की आम बैठक होगी, जिसमें सभी 42 संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. किसान संगठनों की मांग है कि पहले संसद से औपचारिक रूप से तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए.
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