अहमदाबाद: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन का नेतृत्व अब किसान नेता राकेश टिकैत करते नज़र आ रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राकेश टिकैत काफी समय से सुर्खियों में हैं, और अब उन्होंने ऐलान किया है कि कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई को तेज करने के लिए वो गुजरात का भी दौरा करेंगे. राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि गुजरात, महाराष्ट्र से कई किसान लगातार दिल्ली सरहद पर जारी आंदोलन का हिस्सा बने हुए हैं. ऐसे में अब वो इन राज्यों में जाकर किसान आंदोलन को मजबूत करने का प्रयास करेंगे.
नए कृषि कानूनों की आलोचना करते हुए राकेश टिकैत बोले कि नए कानूनों से किसानों को फायदा नहीं होने वाला है, आज जो दूध गांव में 20-22 रुपये प्रति लीटर मिलता है, वही शहरों में 50 रुपये लीटर की दर से बिकता है. इसी तरह यदि खेती निजी कंपनियों के हाथ में आएंगी, तो फसलों के दाम भी इसी तरह निर्धारित होंगे. गुजरात से आए किसानों ने रविवार को राकेश टिकैत को चरखा सौंपा. राकेश टिकैत ने कहा कि चरखा चलाकर गांधीजी ने अंग्रेजों को बाहर निकाला, हम भी चरखा चलाकर कंपनियों को बाहर भेजेंगे. हम गुजरात में जाकर किसानों को एकत्रित करने का काम करेंगे.
बता दें कि दिल्ली की सरहदों पर जारी किसानों के आंदोलन को लगभग 3 महीने हो गए हैं. बीते कुछ दिनों से अब देश के विभिन्न हिस्सों में किसान महापंचायतों का आयोजन किया जा रहा है. यूपी, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब के बाद अब ये गूंज बंगाल भी पहुंच चुकी है. इसके साथ ही अब राकेश टिकैत ने गुजरात, महाराष्ट्र में भी ऐसी ही सभाएं करने की बात कही है.
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