लखनऊ: वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर श्रृंगार गौरी की पूजा को लेकर दाखिल की गई याचिका में हिंदू पक्ष की तरफ से राखी सिंह ने अपनी याचिका वापस लेने से मना कर दिया है. राखी सिंह सहित 5 महिलाओं ने याचिका दाखिल करते हुए श्रृंगार गौरी के भीतर पूजा करने की मांग की थी. इसी आधार पर ही ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे का कार्य चल रहा था.
वादी पक्ष के वकील शिवम गौड़ ने जानकारी दी है कि राखी सिंह अपना नाम वापस नहीं लेंगी, बल्कि किसी अन्य 5 मामलों में से एक में संशोधन किया जाना है. वकील ने बताया कि श्रृंगार गौरी वाले मामले में आज फिर सुनवाई होनी है, जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद का ताला तुड़वाने की मांग जाएगी, कोर्ट कमिश्नर में कोई दोष नहीं है. वकील शिवम गौड़ ने कहा है कि मस्जिद कमेटी को छोड़कर किसी को भी सर्वे से समस्या नहीं है, इस मामले में कोर्ट कमिश्नर का कोई कसूर नहीं है, किसी को कोई दिक्कत नहीं है, सबने अंदर सहयोग किया सिवाय मस्जिद कमेटी के. वकील ने कहा कि मस्जिद के भीतर जाने को लेकर आज आदेश जारी हो सकता है.
बता दें कि दिल्ली की रहने वाली राखी सिंह, सीता साहू, मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक ने संयुक्त रूप से सिविल जज की कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए मांग की थी कि काशी विश्वनाथ धाम-ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी और विग्रहों को 1991 की स्थिति की तरह नियमित दर्शन-पूजन के लिए सौंपा जाए. जिसके बाद कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का आदेश दिया था, जिसका मुस्लिम संगठनों ने विरोध किया था और कहा था कि, चाहे कुछ भी परिणाम भुगतना पड़े हम मस्जिद का सर्वे और वीडियोग्राफी नहीं होने देंगे.
दक्षिण सूडान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने नई हैजा महामारी की घोषणा की
आज CAA विरोधी प्रदर्शन का केंद्र रहे 'शाहीनबाग़' में गरजेगा बुलडोज़र, ध्वस्त किए जाएंगे अवैध निर्माण
महात्मा गांधी के गुरु थे गोपाल कृष्ण गोखले, जयंती पर जानें उनके जीवन से जुड़ी ख़ास बातें