उज्जैन: इस बार रक्षाबंधन 30 अगस्त और 31 अगस्त दोनों दिन मनाया जाएगा। आज के दिन बहनें अपनी भाई की कलाई में राखी बांधती हैं एवं भाइयों की लंबी आयु और सुख समृद्धि की कामना करती हैं। रक्षाबंधन का यह त्योहार भाई बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। वही यह पर्व सिर्फ भाई और बहन ही नहीं मनाते बल्कि देवो के देव बाबा महाकाल भी मनाते हैं। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा महाकाल को राखी बंधी जाती है। मान्यता है की दुनिया में सबसे पहले राखी भगवान महाकाल को बांधी जाती है। जिन बहनों के भाई नहीं होते वो बहने भी बाबा महाकाल को भाई समझकर राखी बांधती हैं। इसी संबंध में महाकाल को राखी बांधी गई एवं सवा लाख लड्डू का भोग लगाया गया।
रक्षा बंधन के दिन प्रातः काल होने वाली भस्म आरती में बाबा का सबसे पहले पंचामृत अभिषेक पूजन कर आकर्षक श्रृंगार किया गया। बाबा को पण्डे पुजारी ने राखी बांधी। तत्पश्चात, सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया गया। अल सुबह बाबा महाकाल की होने वाली आरती में भारी आंकड़े में भक्त सम्मिलित हुए। इसके साथ ही इंदौर से आए राजकमल बैंड के द्वारा महाकाल मंदिर के प्रांगण में अपनी प्रस्तुति दी गई। जिसमें भक्त भी बड़ी मस्ती में झूमते दिखाई दिए।
वही भस्म आरती के वक़्त एक आकर्षक राखी बाबा महाकाल को बांधी जाती है। मान्यता है कि हिन्दू रीती रिवाज के सभी त्यौहार सबसे पहले देवो के देव महाकाल ही मनाते हैं। आज सबसे पहले बाबा महाकाल को राखी बांधी गयी एवं सवा लाख लड्डू का भोग लगाया गया है। रक्षा बंधन के विशेष त्यौहार पर बहने अपने भाई की कामना के लिए उज्जैन के महाकाल मंदिर में विशेष पूजन कर भस्म आरती में सम्मिलित हुईं। राखी पर्व के चलते मंदिर में आकर्षक साज सज्जा की गई है।
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