रक्षाबंधन के त्यौहार को विशेष तौर पर भाई-बहन का त्यौहार माना जाता है लेकिन हम आपको बता दें ये त्यौहार सिर्फ भाई-बहन ही नहीं बल्कि उन सभी लोगों का है जो एक-दूसरे की रक्षा करते हैं. इसके साथ ही राखी का त्यौहार जितना भाई-बहन के लिए महत्वपूर्ण होता है उतना ही महत्वपूर्ण मछुआरों के लिए होता है. इस त्यौहार पर कई लोगों की नई शुरुआत भी होती है. आज हम आपको रक्षाबंधन के त्यौहार को मनाने के अलग-अलग तरीके बता रहे हैं-
मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तरप्रदेश
इन तीनों ही राज्य में इस त्यौहार को कजरी पूर्णिमा के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन सभी मां अपने सिर पर जौ रखकर यात्रा निकालती हैं और इसका विसर्जन तालाब या नदी में किया जाता है.
महाराष्ट्र
रक्षाबंधन के त्यौहार को महाराष्ट्र में नारळी पूर्णिमा के नाम से मनाया जाता है. इस राज्य में कोली समुदाय द्वारा समुद्र देवता को नारियल अर्पित किये जाते है और इसी के साथ यहां मछली पकड़ने की शुरुआत होती है.
गुजरात
इस त्यौहार को गुजरात में पवित्रोपना त्यौहार कहा जाता है. इस दिन सभी लोग भगवान शिव की पूजा करते हैं.
उड़ीसा
रक्षाबंधन के त्यौहार को उड़ीसा में गम्हा पूर्णिमा नाम से मनाया जाता है. इस दिन यहां सभी लोग अपने घर में पाली हुई गाय-बैलों को सजाकर उनकी पूजा करते हैं.
नेपाल
नेपाल में रक्षाबंधन के त्यौहार को जनै पूर्णिमा कहा जाता है और इस दिन नेवार समुदाय के लोग मेंढक पकाकर खाते हैं.
उत्तराखंड
रक्षाबंधन के अवसर पर उत्तराखंड में ‘बग्वाल’ मेले का आयोजन होता है जिसमें स्थानीय जनजाति के लोग पत्थरों से युद्ध खेलते हैं.
तमिलनाडु, केरल, आंध्रप्रदेश
इन तीनों ही राज्य में इस दिन को अवनी अवित्तम और उपाकर्म के रूप में मनाया जता है. इसके साथ ही इस दिन को वैदिक पाठ शुरू करने के लिए उत्तम माना जाता है.
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