श्रीनगर: अयोध्या में श्री राम मंदिर अभिषेक से पहले, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) चीफ फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि भगवान राम केवल हिंदुओं के नहीं बल्कि दुनिया के सभी लोगों के हैं। अब्दुल्ला ने कहा कि भगवान राम ने भाईचारे, प्रेम और एकता की बात की और उन लोगों को ऊपर उठाने पर जोर दिया जो गिरे हुए थे और उन्होंने कभी उनके धर्म के बारे में नहीं पूछा। फारूक अब्दुल्ला ने अगले महीने होने वाले प्रतिष्ठा समारोह के लिए भक्तों को बधाई दी और कहा कि वह मंदिर के लिए प्रयास करने वाले सभी लोगों को बधाई देना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि, 'अयोध्या राम मंदिर का उद्घाटन होने वाला है। मैं उन सभी को बधाई देना चाहता हूं, जिन्होंने मंदिर के लिए प्रयास किया। यह अब तैयार है। मैं सभी को बताना चाहता हूं कि भगवान राम केवल हिंदुओं के नहीं हैं, वे पूरी दुनिया के हैं। यह किताबों में लिखा है।' फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि, 'उन्होंने भाईचारे, प्रेम और एकता के बारे में बात की है। उन्होंने हमेशा लोगों को जमीन से ऊपर उठाने पर जोर दिया और कभी भी उनका धर्म, भाषा नहीं पूछा। उन्होंने (श्रीराम ने) एक सार्वभौमिक संदेश दिया, अब जब यह मंदिर खुलने वाला है, तो मैं चाहता हूं कि सभी को भाईचारा बनाए रखने के लिए कहें।'
पाकिस्तान से बातचीत की वकालत कर रहे फारूक अब्दुल्ला:-
बता दें कि, जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला बीते कुछ दिनों से पाकिस्तान के साथ बातचीत करने के लिए भारत सरकार पर दबाव डाल रहे हैं। वे जम्मू कश्मीर में 370 वापस लागू करने के भी लिए भी आवाज़ उठाते रहे हैं, वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले से भी असहमत दिखाई देते हैं। अब्दुल्ला तो यहाँ तक धमकी दे चुके हैं कि, ''अगर पाकिस्तान से बातचीत नहीं की गई तो हमारा (पूरे भारत या कश्मीर का सन्दर्भ) हाल भी गाज़ा जैसा होगा।'' उन्होंने कहा था कि, जैसे इजराइल ग़ज़ा पर बमबारी कर रहा है, वैसा यहाँ भी हो सकता है, इसलिए भारत सरकार पाकिस्तान से बातचीत करे। जबकि वे अच्छी तरह जानते हैं कि पाकिस्तान, भारत में वांटेड आतंकी हफ़ीज़ सईद, मसूद अज़हर, दाऊद इब्राहिम जैसों के लिए सुरक्षा पनाहगाह बना हुआ है और भारत के खिलाफ लगातार आतंकी साजिशें रच रहा है। भारत ने हाल ही में उससे 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड आतंकी हाफिज सईद को सौंपने का आग्रह भी किया था, लेकिन उसने इंकार कर दिया।
हालाँकि, जम्मू कश्मीर में 370 लागू रहने तक पाकिस्तानियों को कश्मीर की नागरिकता देने वाले अब्दुल्ला एक बार भी पड़ोसी इस्लामी मुल्क से ये अनुरोध करते नहीं दिखते कि वो भारत के गुनहगारों को सौंप दे, तभी बातचीत आगे बढ़ सकती है। एक तरह से अब्दुल्ला भारत में रहकर पाकिस्तान की वकालत करते मालूम होते हैं। इस मामले में भी अब्दुल्ला बोल सकते हैं कि, पाकिस्तान हाफिज सईद को भारत के हवाले करे, इसके बाद बातचीत की गुंजाईश बन सकती है, पर शायद वे ऐसा करेंगे नहीं। वहीं, भारत ने दो टूक कह दिया है कि, जब तक बॉर्डर पार से मजहब के नाम पर आतंकवाद का जहर बंद नहीं होगा, तब तक कोई बातचीत नहीं होगी और मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। अब अयोध्या के श्री राम मंदिर पर अब्दुल्ला का बयान सामने आया है, अब ये देखना दिलचस्प होगा कि सियासी गलियारों में इसकी कैसी प्रतिक्रिया होती है। ये भी देखने लायक होगा कि, INDIA गठबंधन में शामिल अब्दुल्ला ने श्री राम को दुनिया का भगवान बताया है, जबकि उसी गठबंधन की प्रमुख पार्टी 'कांग्रेस' आधिकारिक रूप से श्रीराम को सुप्रीम कोर्ट में काल्पनिक कह चुकी है और शुरू से अयोध्या में मंदिर निर्माण के विरोध में रही है, तो कांग्रेस के नेता, अब्दुल्ला के बयान पर क्या जवाब देते हैं या फिर मौन रहते हैं ?
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