40 साल से 'रामनवमी जुलुस' पर था प्रतिबंध ! अमन कुमार ने निकाला तो हुए गिरफ्तार

40 साल से 'रामनवमी जुलुस' पर था प्रतिबंध ! अमन कुमार ने निकाला तो हुए गिरफ्तार
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रांची: झारखंड के हजारीबाग के बड़कागांव में रामनवमी जुलूस आयोजित करने के आरोप में हिंदू कार्यकर्ता अमन कुमार उर्फ ​​अमन बाबा की गिरफ्तारी ने झारखंड में राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है। अप्रैल में दर्ज FIR के बाद कुमार को बुधवार रात बिहार के पटना में झारखंड पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि, इस साल रामनवमी 17 अप्रैल को मनाई गई थी।  

अम्न कुमार गुरुवार को अदालत में पेश हुए और उसके बाद उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। रिपोर्टों से पता चलता है कि कुमार को रामनवमी के दौरान बड़कागांव में प्रतिबंधित मार्ग पर जुलूस निकालने में उनकी भूमिका के लिए हिरासत में लिया गया था। गिरफ्तारी के बाद कुमार की मां पूनम देवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उनका बेटा सनातन धर्म का कार्यकर्ता है, जिसकी बढ़ती लोकप्रियता ने सरकार और राजनीतिक हस्तियों को परेशान कर दिया है। उन्होंने बड़कागांव में जुलूस के मार्ग को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद को उजागर किया, जिस पर प्रशासन ने 40 साल से प्रतिबंध लगा रखा था। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध के बावजूद कुमार ने एक रथ बनाया और उसे हजारीबाग से रांची तक हाथ से खींचा।

देवी ने आरोप लगाया कि सरकार कुमार के हिंदुत्व के प्रति समर्पण से ख़तरा महसूस कर रही है। उन्होंने आम चुनावों के दौरान हज़ारीबाग, चतरा, दुमका, गोड्डा और रांची सहित विभिन्न जिलों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए उनके सक्रिय प्रचार का उल्लेख किया। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि, "सरकार को अमन से ख़तरा महसूस हो रहा था क्योंकि वह लगातार हिंदुत्व के लिए काम कर रहा था।" उन्होंने कहा कि क्या भारत में "जय श्री राम" का नारा लगाना अब अपराध माना जाता है।

कुमार की गिरफ़्तारी पर विपक्षी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिन्होंने राज्य सरकार की आलोचना की है और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हज़ारीबाग में रामनवमी जुलूस के आयोजकों की गिरफ़्तारी की निंदा करते हुए एक्स (पहले ट्विटर) का सहारा लिया। उन्होंने कांग्रेस-झामुमो-राजद गठबंधन सरकार पर बहुसंख्यक समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का आरोप लगाया और कार्यकर्ताओं की तत्काल रिहाई की मांग की। मरांडी ने चेतावनी दी कि अगर रामभक्तों को रिहा नहीं किया गया तो सनातन समाज आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएगा।

वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने भी एक वीडियो संदेश में गिरफ्तारी की निंदा की। उन्होंने राज्य की गठबंधन सरकार की कथित तुष्टीकरण नीतियों की आलोचना की और चेतावनी दी कि हजारीबाग में हिंदू कार्यकर्ताओं और भाजपा कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है। प्रकाश ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा, "जागो, नहीं तो सनातन समाज सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाएगा।"

विवाद 1985 के जिला प्रशासन के आदेश से जुड़ा है, जिसके तहत बड़कागांव-महुदी पथ से जुलूस के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। बड़कागांव-महुदी पथ मुस्लिम आबादी वाला क्षेत्र है। हालाँकि, ये आदेश कई सवाल भी खड़े करता है, इस तरह तो मुस्लिम आबादी बढ़ने के साथ उनके क्षेत्र भी बढ़ते जाएंगे, तो क्या हर इलाके में जुलूसों पर प्रतिबंध लगता जाएगा ? क्या इसे तुष्टिकरण की राजनीति नहीं कहा जाना चाहिए ? इस साल अप्रैल में कुमार ने प्रतिबंधित क्षेत्र से जुलूस निकालने की कोशिश की, जिसके बाद प्रशासन ने बैरिकेड्स लगा दिए। 

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