नई दिल्ली : अयोध्या में कई वर्षों बाद दिव्य दिवाली मनाने की कोशिशें जारी हैं. भगवान राम के राज्याभिषेक से लेकर सरयू किनारे दो लाख दीये जलाने के कीर्तिमान बनाने की हर तैयारी पर सीएम योगी आदित्यनाथ की नज़र है, वहीँ उनके कार्यकाल में राम वनगमन पथ परियोजना ने भी गति पकड़ ली है. यदि यह परियोजना पूरी हो जाती है, तो अयोध्या और चित्रकूट के बीच कम से कम 50 किमी की दूरी तो कम होगी ही, करीब डेढ़ घंटे का समय भी बचेगा.
गौरतलब है कि ऐसी मान्यता है कि वनवास के लिए श्रीराम त्रेता युग में लक्ष्मण और सीता के साथ अयोध्या से सबसे पहले चित्रकूट तक गए थे. राम वनगमन पथ परियोजना पर भाजपा की कल्याण सिंह सरकार में काम शुरू हुआ था. बाद में अखिलेश सरकार में भी कुछ काम हुआ, लेकिन इसने गति पकड़ी योगी सरकार में. अयोध्या से चित्रकूट तक हाईवे की योजना को पहले ही मंजूर किया जा चुका था, लेकिन एनओसी नहीं मिलने से यह योजना रुकी हुई थी. लेकिन योगी सरकार बनने के बाद अब इस प्रोजेक्ट में तेजी आई है.
बता दें कि राम वनगमन पथ चार जिलों को जोड़ेगा ये फोरलेन हाईवे अयोध्या से शुरू होकर प्रतापगढ़ के मोहनगंज तक पहुंचेगा, जहां से ये सड़क इलाहाबाद के बाहरी हिस्से से होते हुए कौशांबी के कोखराज तक पहुंचेगा और चित्रकूट तक जाएगा. राम वनगमन पथ बनने से अयोध्या और चित्रकूट के बीच करीब 50 किमी की दूरी भी कम हो जाएगी. नया हाईवे बनने से श्रद्धालुओं को इलाहाबाद भी नहीं जाना पड़ेगा. इससे डेढ़ घंटे का समय बचेगा.
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