इस्लाम के पवित्र माह रमजान उल मुबारक 2019 का माह शुरू हो गया है. इसका पहला रोजा भारत में 7 मई को रखा जाएगा. दरअसल रविवार 5 मई को भारत में रमजान का चांद नहीं नजर आया है. ये माह हर इस्लामिक धर्म के लोगों के लिए बेहद ही खास होता है और इसमें रोज़ा रखने का बेहद लाभ होता है. इस्लाम का नौंवा महीना रमजान बरकत और मगफिरत का महीना है. रमजान के पूरा होने पर ईद 2019 का त्योहार मनाया जाएगा.
रोजा रखने की शुरुआत सुबह सेहरी से की जाती है. सेहरी यानी दिन निकलने से पहले रोजे रखने वाला व्यक्ति अपने इच्छा के अनुसार कुछ खा पीकर दुआ पढ़ता है और उसका रोजा शुरु हो जाता है. वहीं इफ्तार शाम के समय की जाती है जिसका अर्थ है व्रत खोलना. शाम के समय मुस्लिम रोजेदार लोग एक साथ बैठकर आमतौर पर खजूर और पानी से अपना रोजा खोलते हैं. रमजान के महीने में सहरी और इफ्तार का समय हर रोज कुछ मिनट आगे पीछे होता. तो यहां जान सकते हैं पूरा टाइम टेबल.
जानिए क्या है तरावीह नमाज
इसके बारे में बता दें, रमजान के पवित्र महीने में मस्जिदों में रात में होने वाली ईशा की नमाज के तुरंत बाद तरावीह नमाज का आयोजन भी किया जाता है. तरावीह की नमाज के जरिए कुरान शरीफ की आयतों की तिलावत की जाती है. ऐसे में जो लोग कुरान पाक पढ़ने का समय नहीं निकाल पा रहे हैं या पढ़ नहीं सकते हैं तो वे तरावीह की नमाज में पूरे कुरान की सुन सकते हैं. तरावीह की नमाज अलग-अलग मस्जिदों में अलग-अलग अवधि में पूरी की जाती है. लेकिन इसके भी कुछ नियम होते हैं.
जैसे कई मस्जिदों में 3 दिन में कुरान शरीफ पूरा किया जाता है तो कई मस्जिदों में कुरान पूरा करने के लिए 27 दिनों का समय लिया जाता है. कुरान पूरा होने के बाद खुशी में पवित्र ग्रंथ सुनाने वाले मस्जिद के पेश इमाम को खूब सारे तोहफे और धन दिया जाता है.
रोज़े के लिए इफ्तारी के बनाएं ये खास डिश
रमज़ान में रखना होगा 15 घंटों का रोज़ा, ऐसा होगा सेहरी और इफ्तारी का समय