नई दिल्ली: आज यानी 2 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि प्रारंभ हो चुके हैं और रमजान का माह भी 3 अप्रैल से शुरू हो रहा है. भारत में आज (शनिवार), 2 अप्रैल को रमजान का चांद नज़र आएगा. इसके बाद पूरे देश में रविवार, 3 अप्रैल को पहला रोजा रखा जाएगा. लखनऊ ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने खुद इस संबंध में जानकारी दी है.
मौलाना महली ने कहा है कि रमजान पर 2 वर्षों के बाद हम लोग आजादी की तरह खुशी मनाएंगे. लोगों ने कोरोना वायरस के कारण दो वर्षों तक रमजान का खुलकर जश्न नहीं मनाया था. मौलाना ने बताया कि इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया और प्रशासन के बीच एक बैठक भी हुई है, जिसमें सभी जगहों पर साफ-सफाई के इंतज़ाम करने की बात कही गई. गर्मी अधिक होने के कारण पानी के इंतजाम पर भी जोर दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि सभी रोजा रखने वालों से अपील है कि 2 वर्षों के बाद मस्जिद में जो इफ्तार होगा, उसमें अवश्य शामिल हों. अल्लाह से अपने देश की हिफाजत के लिए दुआ करें. बता दें कि रमजान के पाक माह में मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह की इबादत करते हैं और बगैर कुछ खाए-पिए रोजा रखते हैं. रमजान को इस्लामी कैलेंडर का नौवां माह माना जाता है. इस्लाम में रोजा रखने की परंपरा दूसरी हिजरी में आरंभ हुई थी. पैगम्बर मुहम्मद के मक्के से हिजरत (प्रवासन) कर मदीना पहुंचने के एक वर्ष के बाद मुसलमानों को रोजा रखने का आदेश आया था. इस प्रकार से दूसरी हिजरी में रोजा रखने की परंपरा इस्लाम में आरंभ हुई.
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