बीते शनिवार को रमजान का 24वां रोजा भी खत्म हो चुका हैं. अब जल्द ही रोजा खत्म होने वाला हैं और मस्जिदों में अब एतेकाफ (एकांतवास) के सिलसिले को देखा जा रहा हैं. कई मुसलमान अब एतेकाफ (एकांतवास) में जुट गए हैं. आप सभी को बता दें कि एतेकाफ का मतलब होता हैं कि जो लोग रोज़ा रखते हैं उन्हें दुनिया को छोड़कर, दुनिया कि परवाह को छोड़कर मस्जिद में बैठना होता हैं और केवल अल्लाह को याद करना होता हैं. एतेकाफ के दौरान कोई व्यक्ति मस्जिद छोड़कर नहीं जाता हैं वह एतेकाफ के दिनों में केवल मस्जिद में रहता हैं और मस्जिद में ही समय बीतता हैं और इन दिनों वह अल्लाह को मानता हैं और अल्लाह की ही इबादत करता हैं.
इस वक्त अल्लाह सभी पर मेहरबान होते हैं और एतेकाफ के दिनों में दुआएं भी पूरी होती हैं जो मुसलमानो द्वारा की जाती हैं. एतेकाफ में किसी मुसाफिर को बैठने की सलाह नहीं दी जाती हैं. कहा जाता हैं कि एतेकाफ में रोज़े रखना भी बहुत जरुरी होता हैं और इस दौरान इंसान मर्दे मोमिन के जनाजे में शामिल हो सकता है. एतकाफ में व्यक्ति को केवल अल्लाह कि तरफ ध्यान देना होता हैं और कहीं नहीं.
क्या आप जानते है रमज़ान की 27वीं शबे कदर की रात के बारे में