राम नवमी का अवसर 5 अप्रैल को है। इस अवसर पर जहां भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव की धूम देश भर में रहती है तो वहीं इस दिन रामजी की पूजन अर्चन करने से सुख समृद्धि की भी प्राप्ति होती है।
दोपहर में होता है जन्म
भगवान राम का जन्मोत्सव दोपहर 12 बजे करने का शास्त्रोक्त विधान बताया गया है। इसलिए जन्मोत्सव का कार्यक्रम दोपहर 12 बजे ही आयोजित किया जाना चाहिए।
स्नान आदि कराए, बांटे पंजेरी
भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के दौरान जहां रामजी की मूर्ति को पंचामृत स्नान आदि कराना चाहिए तो वहीं पंजेरी का भी भोग लगाकर प्रसाद बांटना चाहिए। भगवान श्रीराम की पूजा के साथ ही माता सीता, लक्ष्मणजी की भी पूजा अर्चना करने से सुख समृद्धि की प्रार्थना अवश्य ही पूरी होती है। इसके साथ ही इस दिन भगवान हनुमानजी की भी आराधना करने का विशेष विधान है।
...तो झरने के नीचे मंदाकनी नही, पद्मिनी कहती, 'राम तेरी गंगा मैली हो गई'....