टेलीविज़न के जाने माने शो निर्माता रामानंद सागर को आज के समय में कौन नहीं जानता है, वह हमेशा ही अपने टीवी शो रामायण के लिए आज भी याद किए जाते है। जी हां रामानंद सागर ने टीवी इंडस्ट्रीज को कई तरह से धार्मिक टीवी शो दिए है, जिनके लिए उन्हें बहुत सराहा गया है। वहीं आज हर कोई उनकी पुण्यतिथि मना रहे है। आज ही के दिन यानी 12 दिसंबर 2005 में उनका देहांत हो गया था।
हम बता दें कि रामानंद सागर का जन्म 29 दिसंबर 1917 को लाहौर में हुआ था। जन्म के समय उनका नाम चंद्रमौली था। उनके दादा पेशावर से आकर परिवार सहित कश्मीर में बस गए थे। आहिस्ता-आहिस्ता वे शहर के नगर सेठ बन गए। जब रामानंद 5 साल के थे तो उनकी माता का देहांत हो गया था। कम आयु में ही रामानंद सागर को उनके निसंतान मामा ने गोद ले लिया। यहां उनका नाम चंद्रमौली से बदलकर रामानंद सागर रखा गया। मामा के घर में होने के बड़ा भी उनका बचपन कठिनाइयों से भरा रहा।
उन्हें पढ़ने लिखने का काफी शौक था। 16 वर्ष की आयु में उन्होंने अपनी प्रथम किताब - प्रीतम प्रतीक्षा लिख डाली थी। उन दिनों रामानंद अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए छोटे-छोटे कार्य किया करते थे। उन्होंने चपरासी से लेकर साबुन विक्रय करने तक का कार्य किया है। यहां तक कि सुनार की दुकान में हेल्पर तथा ट्रक क्लीनर का भी कार्य कर चुके हैं। इन छोटे-मोटे कार्य से जितने पैसे एकत्रित होते थे, वो सारे पैसे वे अपने अध्यन में लगाते थे। वही पढ़ने के अपने शौक को रामानंद ने इसी प्रकार पूर्ण किया तथा फिर डिग्री भी प्राप्त कर ली। रामानंद सागर लेखन में माहिर थे। क्योकि उनका बचपन कठिनाइयों में बीता था तो आगे चलकर उनकी कहानियों तथा किस्सों में उनका यह दर्द दिखाई देता है।
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