टीवी पर हुआ सीता स्वयंवर का आरंभ, मिथिला पहुंच गए श्रीराम

टीवी पर हुआ सीता स्वयंवर का आरंभ, मिथिला पहुंच गए श्रीराम
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रामानंद सागर की रामायण स्टार प्लस पर भी दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब हो रही है. इसके साथ ही शो में दिखाया जारा हर सीन, हर किरदार दर्शकों के दिल में घर कर रहा है और उनके मन को खुश कर रहा है. वहीं लॉकडाउन के बीच लोग रामायण देख अपना बढ़िया टाइम काट रहे हैं.

मिथिला के लिए श्रीराम रवाना
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गुरुवार को महर्षि विश्वामित्र अयोध्या पधारते हैं और वहां श्रीराम को जानकारी देते हैं कि मिथिला की राजकुमारी सीता का स्वयंवर होने जा रहा है. वहीं वो बताते हैं कि खुद राजा जनक ने न्योता भेजा है. महर्षि विश्वामित्र उन्हें ये भी बताते हैं कि इस स्वयंवर का कई बड़े और पराक्रमी राजकुमार हिस्सा बनने वाले हैं. सभी राजकुमार अपना बल और शक्ति का प्रदर्शन कर सीता से विवाह रचाने की कोशिश करेंगे. वहीं विश्वामित्र इस बात पर भी जोर देते हैं कि ये कोई साधारण स्वयंवर नहीं होगा और ना ही राजकुमारी सीता कोई साधारण स्त्री हैं. वहीं वो बताते हैं कि ये स्वयंवर अद्भुत होने वाला है क्योंकि इसमें भगवान शिव का अलौकिक धनुष का इस्तेमाल किया जा सकता है . वो कहते हैं- जो भी राजकुमार भगवान शिव के इस अलौकिक धनुष को झुकाकर उस पर प्रत्यंचा चढ़ा देगा उसी से देवी सीता का विवाह किया जाएगा.

मां गंगा की कथा
जब श्रीराम, लक्ष्मण सहत विश्वामित्र के साथ मिथिला के लिए निकलते हैं तब बीच में गंगा के भी दर्शन होते हैं जिसे देख श्रीराम अति प्रसन्न हो जाते हैं और वो उसकी पूजा करते हैं. वो लक्ष्मण के साथ गंगा में पुष्प अर्पित करते हैं. इसके बाद विश्वामित्र राम और लक्ष्मण को गंगा नदी की पूरी कथा सुनाते हैं. वहीं वो बताते हैं कैसे भागीरथ ने कठोर तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न किया और उसके बाद भोलेनाथ की जटा से गंगा नदीं का प्रवाह धरती की तरफ मोड़ दिया गया.

महर्षि गौतम का विचित्र आक्षम
इसके बाद महर्षि विश्वामित्र फिर श्रीराम और लक्ष्मण के साथ मिथिला की तरफ अग्रसर हो जाते हैं. लेकिन बीच में एक विचित्र आक्षम को देख वो रुक जाते हैं. वहीं तब विश्वामित्र उन्हें महर्षि गौतम की कथा बताते हैं. वो बताते हैं कि कैसे महर्षि गौतम की पत्नी अहिल्या पर इंद्र देव आसक्त हो गए थे. इसके चलते इंद्र देव महर्षि का रूप धारण कर अहिल्या के साथ छल करते हैं. परन्तु  क्रोधित होकर महर्षि गौतम उन्हें श्राप दे देते हैं और अहिल्या को भी एक पत्थर में तब्दील कर देते हैं. परन्तु बाद में श्रीराम के स्पर्श से अहिल्या अपने पाप से मुक्त हो जाती हैं.

श्रीराम को हुए सीता दर्शन
अब यहां से श्रीराम विश्वामित्र के साथ मिथिला नगरी पहुंच जाते हैं. वहीं वो वहां देखते हैं कि स्वयंवर की तैयारी चल रही थी. वहीं वहां श्रीराम को पहली बार राजकुमारी सीता के भी दर्शन हो जाते हैं. अब आने वाले एपिसोड में आप देखेंगे कि कैसे श्रीराम शिव का धनुष तोड़ सीता का दिल जीतते हैं और उन से विवाह करते हैं.

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