नागपाश का शिकार हो सकते है राम-लक्ष्मण

नागपाश का शिकार हो सकते है राम-लक्ष्मण
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दूरदर्शन के सीरियल 'रामायण' में हमने अभी तक देखा है कि राम और लक्ष्मण एक के बाद एक रावण के सभी पुत्रों को मौत के घाट उतार रहे हैं। इसके साथ ही राम-लक्ष्मण ने देवांतक, नारांतक, त्रिशरा और अतिकेय का वध कर दिया है। इसके बाद रावण घबरा जाता है। परन्तु रावण का पुत्र मेघनाथ इंद्रजीत इस वक्त आगे आकर पिता से युद्धभूमि में जाने की आज्ञा लेता है। लेटेस्ट एपिसोड में दिखाया गया है कि मंदोदरी इसकी जानकारी इंद्रजीत की पत्नी सुलोचना को देती है जिससे वो अपने पति को रणभूमि में जाने से रोक सके। इसके साथ ही मंदोदरी को पता है कि ये युद्ध अधर्म के खिलाफ है इसीलिए वो हार की आशंका से डरी हुई है। तो वहीं, सीता को पता लगता है कि रावण के चारों पुत्र मारे गए हैं और मेघनाथ युद्ध के लिए जाने वाला है। सीता निश्चित है कि मेघनाथ भी राम के हाथों मृत्यु का शिकार होने वाला है।दूसरी ओर, युद्धभूमि में राम अपनी पूरी सेना के साथ पता लगाते हैं कि अगला कौन सा शूरवीर उनसे लड़ने के लिए आने वाला है। 

इसके साथ ही दूसरे दिन मेघनाथ युद्ध की तैयारी करता है परन्तु वो अपनी पत्नी को चिंतित देखकर सोच में पड़ जाता है। वो अपनी पत्नी को समझाता है। मेघनाथ को लगता है कि वो विजयी होकर ही लौटने वाला है। इसी वक्त मंदोदरी वहां पहुंचती है और अपने बेटे को विजयी होने का आशीर्वाद देती है।इसके बाद मेघनाथ कुलदेवी की पूजा कर अस्त्र-शस्त्र लेकर युद्ध के लिए पहुंचता है। राम, लक्ष्मण और विभीषण को पता लगता है कि इंद्रजीत मेघनाथ युद्ध के लिए आने वाला है। वहीं इस बीच विभीषण राम को बताते हैं कि कैसे इंद्रजीत का नाम मेघनाथ पड़ा था और उनके पास कितनी शक्तियां हैं। विभीषण ये भी बताते हैं इंद्रजीत मेघनाथ को हराना कितना मुश्किल है क्योंकि उन्हें कुलगुरू शुक्राचार्य से जादुई शक्तियां प्राप्त हुई हैं। इसके साथ ही इस बीच मेघनाथ राम-लक्ष्मण को ललकारते हुए लड़ने के लिए पहुंचता है और उसका सामना पहले सुग्रीव से होता है। सुग्रीव मेघनाथ को ललकारते हैं और कहते हैं कि राम-लक्ष्मण तक पहुंचने से पहले उन्हें उनका सामना करना होगा। परन्तु सुग्रीव मेघनाथ से हारने लगते है तो बालि पुत्र अंगद साथ देने के लिए उतरते हैं। हालांकि जल्दी ही अंगद भी पस्त होने लगते हैं। विभीषण लक्ष्मण को सलाह देते हैं कि वो लड़ने उस वक्त पहुंचे जब मेघनाथ थक जाए।

परन्तु  लक्ष्मण गुस्से में आग-बबूला हो जाते है।राम लक्ष्मण को मेघनाथ से लड़ते वक्त सतर्क रहने की सलाह देते है। वहीं जब तक लक्ष्मण मेघनाथ से लड़ने को पहुंचते हैं तब तक हनुमान मोर्चा संभालते हैं लेकिन वो भी हारने लगते है। लक्ष्मण पहुंचकर मेघनाथ से युद्ध करते हैं परन्तु उनके सभी वार खाली जाते हैं। वहीं लक्ष्मण काफी हैरान होते हैं। उधर, मेघनाथ अपने खतरनाक बाणों से काफी सैनिकों को मार देता है।हालांकि इस बीच हनुमान आकर क्षति को रोकते हैं लेकिन मेघनाथ एक के बाद एक तीर बरसाते हैं। वहीं इस बीच विभीषण राम को बताते हैं कि कैसे मेघनाथ की शक्तियां सूर्यास्त के बाद चारगुणा बढ़ जाती है। इसके बाद राम भी लक्ष्मण का साथ देने पहुंचते है। परन्तु सूर्यास्त हो जाता है और मेघनाथ गायब हो जाता है। राम-लक्ष्मण सिर्फ मेघनाथ के धनुष और बाण को ही देख पाते है। इससे पहले कि वो कुछ कर पाए मेघनाथ राम-लक्ष्मण को नागपाश में जकड़ लेता है। इसके बाद सुग्रीव और हनुमान दोनों भाइयों को बचाने के लिए आगे आते है।

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