शूर्पणखा का दुख सुन गुस्से में रावण ने सीता हरण का लिया निर्णय

शूर्पणखा का दुख सुन गुस्से में रावण ने सीता हरण का लिया निर्णय
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रामायण में अब तक लोगों ने राम-लक्ष्मण और सीता के वनवास को देखा. राम-लक्ष्मण के हाथों राक्षसों का संहार और शूर्पणखा की नाक कटने के एपिसोड्स ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया. अब आगे देख‍िए कैसे श्रीराम, राक्षस खर के 14 राक्षसों का संहार अपने एक ही तीर से कर देते हैं, और बहन शूर्पणखा का हाल सुनने के बाद रावण सीता हरण को निकलते हैं. इसके साथ ही राक्षस खर को जब ये पता चलता है कि राम ने उसके 14 राक्षसों को मार डाला है तो वह स्वयं राम और लक्ष्मण से बदला लेने जाता है और उसके साथ राक्षसों की टोली भी होती है. श्रीराम अकेले ही इन सबका सामना करने निकल जाते हैं. वहीं तभी महर्षि अगस्त्य, श्रीराम को मोहिनी अस्त्र के बारे में बताते हैं और उसका इस्तेमाल करने को कहते हैं. इसके साथ ही श्रीराम मोहिनी अस्त्र चलाते हैं और मोहिनी अस्त्र से सभी राक्षस भ्रमित हो जाते हैं और आपस में ही लड़ने लगते हैं. देखते ही देखते सभी राक्षस मर जाते हैं. वहीं श्रीराम के मोहिनी अस्त्र को राक्षस खर परख लेता है और ऐसे में दूषण श्रीराम पर हमला करता है. 

परंतु श्रीराम दूषण पर अपने बाणों से पटलवार कर उसे मार देते हैं. फिर आता है राक्षस खर श्रीराम से लड़ने के लिए और शुरू होती है श्रीराम और राक्षस खर के बीच मायावी लड़ाई जिसमें श्रीराम, राक्षस खर का संहार कर देते हैं|उधर लंकेश्वर महाराज रावण के महल में नाच गाने के साथ रावण का अभिनन्दन किया जा रहा है और मनाया जा रहा है जश्न. परन्तु  तभी वहां आती है रावण की बहन राक्षसी शूर्पणखा और अपनी आपबीती बताती है. वहीं कहती है क‍ि राम और लक्ष्मण ने उसकी नाक काट दी और सभी राक्षसों और खर और दूषण दोनों को मार दिया है. इसके साथ ही ये सब सुनकर रावण क्रोधित हो जाते हैं. साथ ही शूर्पणखा सीता की सुंदरता के बारे में भी रावण को बताती है और कहती है क‍ि वो सीता को लंकेश्वर रावण के पास लाना चाहती थी. परंतु राम और लक्ष्मण ने रावण की वीरता को ललकारा और ये सब सुनकर रावण बेहद क्रोध में आ जाते हैं और ये निर्णय लेते हैं क‍ि वो सीता का अपहरण करेंगे और राम और लक्ष्मण से बदला भी लेंगे.

आपकी जानकारी के लिए बता दें की विभीषण इस बात के खिलाफ है क‍ि राम, सीता और लक्ष्मण पर हमला किया जाए.रावण अब निर्णय नहीं ले पा रहा है क‍ि वो क्या करे इसलिए वो सोच विचार में हैं, परन्तु  शूर्पणखा आकर अपने भाई रावण को राम और लक्ष्मण के खिलाफ भड़काती है और साथ ही सीता की सुंदरता का बखान करती है. ताकि रावण सीताहरण कर उसे अपनी रानी बना ले. वहीं ये सब सुनकर मंदोदरी अपने पति रावण को ऐसा करने से रोकती है परंतु रावण को बस शूर्पणखा की बातें सही लगती है और वो निर्णय लेता है क‍ि वो सीता का अपहरण करेंगे.इसके साथ ही अपने रथ पर सवार होकर रावण, मारीच से मिलने आता है और उनसे सीता हरण के लिए सहायता मांगता है. वहीं मारीच भी रावण को यही समझाता है क‍ि राम से बदला लेना सही नहीं है जिसे सुनकर रावण क्रोधित हो जाता है और कहता है क‍ि या तो मारीच को उनकी आज्ञा का पालन करना होगा या फिर रावण के हाथों मरना होगा.वहीं  जिसपर मारीच कहता है क‍ि अपने राजा के हाथों मरने से अच्छा है वो श्रीराम के हाथों मरे.

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