कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के IT सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा है कि रामायण, महाभारत, बाइबिल और कुरान एक दिन खत्म हो जाएंगे। 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने एक ईशनिंदा वाले बयान में कहा है कि रामायण, महाभारत, बाइबिल और कुरान एक दिन खत्म हो जाएंगे! यह अकल्पनीय है कि कोई राजनीतिक नेता किसी भी धर्म के प्रतिष्ठित धार्मिक ग्रंथ के विलुप्त होने की कामना करेगा।" दरअसल, धर्मग्रंथों या धर्म गुरुओं की आलोचना करने को ईशनिंदा माना जाता है, हालाँकि, हिन्दू धर्म में इसका कहीं जिक्र नहीं है। लेकिन, इस्लाम में इसे बहुत बड़ा गुनाह माना जाता है, कई मुस्लिम देशों में ईशनिंदा का आरोप लगाकर लोगों की हत्या तक कर दी जाती है। पाकिस्तान में श्रीलंका के एक आदमी को जिन्दा जला दिया गया था, क्योंकि उसने मुहम्मद लिखा एक कागज़ फाड़ दिया था। मुस्लिमों में अब ममता बनर्जी के बयान के खिलाफ आक्रोश देखा जा रहा है।
"Ramayan, Mahabharat, Quran and Bible will end but my story will not end"
— Facts (@BefittingFacts) May 27, 2024
Mamata Banerjee has triggered her vote bank by mentioning Quran.
pic.twitter.com/sUDDdepmZS
बहरहाल, मालवीय ने अपने पोस्ट में आगे कहा कि हिंदू धर्म के लोगों के प्रति मुख्यमंत्री का तिरस्कार जगजाहिर है, लेकिन वह "चुपचाप चाहती हैं" कि कुरान को भी मिटा दिया जाए। ममता बनर्जी का हिंदू धर्म और धर्मग्रंथों के प्रति तिरस्कार जगजाहिर है, लेकिन यह बयान न केवल अल्पसंख्यकों के प्रति ममता बनर्जी के गहरे तिरस्कार को दर्शाता है, बल्कि उनके पाखंड को भी दर्शाता है। वह खास तौर पर मुस्लिम वोट चाहती हैं, लेकिन चुपचाप चाहती हैं कि कुरान को मिटा दिया जाए।"
कोलकाता के मेयर और TMC नेता फिरहाद हकीम को मुसलमानों से माफ़ी मांगने के लिए कहने पर बनर्जी की आलोचना करते हुए मालवीय ने कहा कि, " ममता बनर्जी ने सभी धर्मों के अनुयायियों से माफ़ी मांगने के बजाय, फिरहाद हकीम को सिर्फ़ मुसलमानों से माफ़ी मांगने के लिए चुना है।" मालवीय ने ममता बनर्जी के भाषण का एक वीडियो अंश भी पोस्ट किया जिसमें वह कह रही हैं कि, "अगर मैं अब तर्क करना शुरू करूँगी, तो रामायण, महाभारत, कुरान, बाइबल खत्म हो जाएँगे, लेकिन मेरी कहानी जारी रहेगी।" ममता के इस वीडियो के वायरल होने के बाद, सोशल मीडिया पर मुस्लिम उनकी काफी आलोचना कर रहे हैं, हालाँकि ममता ने सभी धर्मग्रंथों का नाम लिया था, लेकिन हिन्दू या ईसाई समुदाय की तरफ से अभी तक वैसी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
भाजपा नेता ने एक वीडियो स्निपेट भी पोस्ट किया, जिसमें TMC नेता फिरहाद हकीम कह रहे हैं कि, "यह उनकी जुबान फिसलने की वजह से हुआ।" मालवीय ने यह भी सवाल उठाया कि हकीम सिर्फ़ मुसलमानों से माफ़ी क्यों मांग रहे हैं, दूसरे धर्मों के लोगों से क्यों नहीं। उन्होंने कहा, " ममता बनर्जी खुद माफ़ी क्यों नहीं मांग रही हैं? उनके प्रतिनिधि सिर्फ़ मुसलमानों से माफ़ी क्यों मांग रहे हैं? क्या दूसरे धर्मों के मानने वालों का कोई महत्व नहीं है? बेशर्म ममता बनर्जी को सिर्फ़ अपने मुस्लिम वोट और केंद्रीय खजाने से प्यार है, जिसे उनकी पार्टी के नेता भुनाते हैं।"
रूझान आने शुरू हो गए है । इनको ऐसे ही चाबी देते रहेना चाहिए ???????? pic.twitter.com/UvXfg4Vksz
— Bharat ???? ???????? (@Bindas_guy123) May 27, 2024
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख ने याद दिलाया कि 2019 में बनर्जी ने मुसलमानों को "दुधारू गाय" कहा था, जिसके बाद से उन्होंने हिंदू विरोधी रुख अपनाया है। मालवीय ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि, "2019 में उन्होंने मुसलमानों को "दुधारू गाय" कहा था, क्योंकि उन्होंने उन्हें वोट दिया था। तब से, उन्होंने और भी ज़्यादा हिंदू विरोधी रुख अपनाया है।" उन्होंने कहा, "हाल ही में, उन्होंने रामकृष्ण मिशन, इस्कॉन और भारत सेवाश्रम संघ पर हमला किया।"
ममता बनर्जी सरकार पर वोट पाने के लिए लोगों को धर्म के आधार पर बांटने का आरोप लगाते हुए मालवीय ने कहा कि, "जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समावेशी विकास की बात करते हैं, ममता बनर्जी वोट पाने के लिए लोगों को धर्म के आधार पर बांटना पसंद करती हैं। लेकिन जल्द ही, सभी समुदायों के लोग उनके खिलाफ वोट करेंगे। ममता बनर्जी की 'भयानक कुशासन, लूट और भ्रष्टाचार, मौत और विनाश, बलात्कार और छेड़छाड़ की कहानी' उनके सोचने से पहले ही खत्म हो जाएगी।" पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के सभी सात चरणों में मतदान हो रहा है, जिसका अंतिम चरण शनिवार को होना है। मतों की गिनती 4 जून को होगी।
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