चंपई की जगह रामदास ! क्या डैमेज कंट्रोल में जुटे हैं सीएम हेमंत सोरेन ?

चंपई की जगह रामदास ! क्या डैमेज कंट्रोल में जुटे हैं सीएम हेमंत सोरेन ?
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रांची: झारखंड की राजनीति में बड़ा बदलाव आया है। प्रमुख आदिवासी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) से इस्तीफा दे दिया और भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने की तैयारी कर ली है। इससे हेमंत सोरेन की पार्टी JMM के सामने गंभीर चुनौती खड़ी हो गई है। एक ओर चंपाई सोरेन का पार्टी से अलग होना JMM के लिए एक बड़ा झटका है, वहीं दूसरी ओर कोल्हान जैसे महत्वपूर्ण आदिवासी इलाके में अपनी पकड़ बनाए रखना भी चुनौतीपूर्ण हो गया है।

JMM ने चंपाई सोरेन के इस्तीफे से उपजे संकट को दूर करने के लिए घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। रामदास सोरेन ने आज सुबह 11 बजे राजभवन में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली और चंपाई सोरेन की जगह हेमंत सोरेन की कैबिनेट में शामिल हो गए। चंपाई सोरेन के इस्तीफे के बाद कैबिनेट मंत्री का पद खाली हो गया था, जिसे अब रामदास सोरेन ने भर दिया है। रामदास सोरेन को चंपाई सोरेन का करीबी माना जाता है। इस नियुक्ति से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने न केवल बगावत को थामने का प्रयास किया है, बल्कि संथाल आदिवासी समाज को भी अपने पक्ष में रखने की कोशिश की है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि हेमंत सोरेन का मुख्य ध्यान कोल्हान इलाके में JMM की स्थिति मजबूत बनाए रखने पर है, क्योंकि चंपाई सोरेन का इस क्षेत्र में काफी प्रभाव है।

चंपाई सोरेन की बगावत से JMM को नुकसान हो सकता है, जबकि BJP को इसका फायदा मिलने की उम्मीद है। चंपाई सोरेन के खिलाफ कदम उठाते हुए JMM ने रामदास सोरेन को मंत्री बनाकर अपनी स्थिति सुधारने की कोशिश की है। पार्टी ने रामदास को चंपाई के विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया है और उन्हें कोल्हान क्षेत्र में JMM का वोट बैंक मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। रामदास सोरेन घाटशिला से विधायक हैं और संथाल समुदाय से आते हैं। वे पूर्वी सिंहभूम जिले में JMM के जिला अध्यक्ष भी हैं और अलग राज्य के आंदोलन में भी सक्रिय रहे हैं। 2020 के चुनाव में उन्होंने घाटशिला विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी। हालांकि, चंपाई सोरेन कोल्हान इलाके के बड़े नेता माने जाते हैं, इसलिए रामदास को पहले कैबिनेट में जगह नहीं मिल सकी थी। अब चंपाई के BJP में जाने के बाद, रामदास को मंत्री बनाकर JMM ने अपनी रणनीति को मजबूत किया है।

चंपाई सोरेन पहले भी NDA सरकार का हिस्सा रहे हैं और उनकी संगठनात्मक क्षमता JMM के लिए हमेशा फायदेमंद रही है। कोल्हान क्षेत्र की 14 में से 11 सीटों पर JMM का कब्जा है, लेकिन अब चंपाई सोरेन के BJP में जाने से इस क्षेत्र में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। BJP को अब चंपाई के नेतृत्व में कोल्हान में अपनी पकड़ मजबूत करने का मौका मिल सकता है।

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