नई दिल्ली: विवादों में घिरी पत्रकार राणा अयूब को सर्वोच्च न्यायालय से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, शीर्ष अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राणा अयूब की याचिका खारिज कर दी है। ऐसे में अब राणा अयूब पर गिरफ्तारी का खतरा मंडराने लगा है। राणा अयूब ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में गाजियाबाद की स्पेशल कोर्ट के आदेश को शीर्ष अदलात में चुनौती दी थी। स्पेशल कोर्ट ने राणा अयूब को सुनवाई के लिए पेश होने का आदेश दिया था, लेकिन वे जांच के लिए पेश ही नहीं होना चाहती थीं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से चार्जशीट फाइल करने के बाद स्पेशल कोर्ट ने अय्यूब को पेश होने आदेश दिया था। पहले इस मामले की सुनवाई 27 जनवरी को की जानी थी। बाद में 31 जनवरी को शीर्ष अदालत ने सुनवाई की थी। जिसका फैसला आज मंगलवार (7 फ़रवरी) को आया है।
BREAKING: Big setback to journalist Rana Ayyub as Supreme Court dismissed her plea challenging the summons issued to her by a special PMLA court in Ghaziabad in a money laundering case lodged against her by the Enforcement Directorate. @RanaAyyub pic.twitter.com/v9mthIV2f1
— Law Today (@LawTodayLive) February 7, 2023
राणा अयूब की तरफ से शीर्ष अदालत में वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने जिरह की। उन्होंने कोर्ट में कहा था कि उनकी क्लाइंट राणा अयूब को गाजियाबाद की स्पेशल कोर्ट ने 27 दिसंबर 2022 को पेश होने को कहा था। इसी पर रोक लगाने की मांग उन्होंने शीर्ष अदालत से की थी। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए जाने तक राणा अयूब की पेशी पर रोक लगा दी थी, मगर अब याचिका खारिज करने पर राणा अयूब को गाजियाबाद की विशेष अदालत में हाजिर होना होगा। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में राणा अयूब को अदालत ने पहले जमानत दी थी, किन्तु आरोपपत्र में ED ने उनके खिलाफ सबूत अदालत को सौंपे हैं। ऐसे में स्पेशल कोर्ट, राणा अयूब को अरेस्ट करने का भी आदेश दे सकती है।
ED filed Prosecution complaint against Rana Ayyub under PMLA in Spl Court, Ghaziabad on Oct 12
— ANI (@ANI) October 13, 2022
Case registered against her alleging she illegally acquired funds from general public in name of charity by launching fund-raiser campaigns on an online crowd funding platform-‘Ketto’
जांच एजेंसी के अनुसार, पत्रकार राणा अयूब ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ‘Ketto’ के माध्यम से अवैध रूप से धन जुटाया था। राणा पर आरोप है कि उन्होंने कोरोना महामारी के संकट काल में गरीबों की मदद के नाम पर करोड़ों जुटाए थे, मगर उस धन का सही इस्तेमाल नहीं किया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने एकत्रित किए गए धन अपने पिता, परिवार के लोगों और खुद के नाम FD बनवा ली थी। जिसे संज्ञान में लेने के बाद ED ने राणा अय्यूब के खिलाफ मामला दर्ज कर किया था। अब माना जा रहा है कि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा अर्जी ख़ारिज होने के बाद राणा अय्यूब को अरेस्ट किया जा सकता है।
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