रांची :1998 बैच के आइपीएस प्रवीण कुमार सिंह का रविवार को दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में निधन हो गया, वह कैंसर से जूझ रहे थे. लंबे समय तक वह रांची के एसएसपी और डीआइजी रहे थे. झारखंड कैडर के प्रवीण कुमार वर्तमान में केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) में डीआइजी पद पर कार्यरत थे. 2016 से वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे, वह मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले थे.
प्रवीण सिंह उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और भाजपा सांसद जगदंबिका पाल के दामाद थे, प्रवीण सिंह की पहचान एक तेज-तर्रार आफिसर के रूप में थी. रांची में एसएसपी पद (मार्च 2009 से जुलाई 2011) पर रहते हुए इन्होंने शहर को नक्सलियों और कुख्यात अपराधियों के चंगुल से मुक्त कराया. प्रवीण सिंह का नेटवर्क शानदार था और इसी के बूते उन्होंने कई कामयाबी हासिल की. लोगों में वह काफी लोकप्रिय थे.
दिवंगत प्रवीण सिंह का पार्थिव शरीर सोमवार को रांची एयरपोर्ट पर लाया गया, उनके शव को देखकर रांची एसएसपी सहित कई पुलिसकर्मी भावुक हो गए, उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े. उन्होंने यहां अपराध जगत के खिलाफ जमकर हमला बोला, नक्सल क्षेत्रों में मूवमेंट तेज किया. इस दौरान दर्जनभर नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया, 18 नक्सलियों ने सरेंडर किया, दो सौ से अधिक गिरफ्तार किए गए. रांची में एसएसपी पद पर रहते समय प्रवीण सिंह के खौफ का आलम यह था कि नक्सली और अपराधी उनके नाम से कांपते थे.
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