नई दिल्ली: तीन नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच 8 दौर की बातचीत के बाद भी किसी प्रकार की सहमति नहीं बन पा रही है। ऐसे में पिछली बैठक में सरकार ने किसानों को शीर्ष अदालत जाने की नसीहत भी दे डाली थी। सरकार के इस सुझाव पर कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय का काम संवैधानिक मुद्दों पर निर्णय सुनाना है, जबकि कृषि कानून खेती को बेचने की साजिश का मामला है। सुरजेवाला ने आगे कहा कि, "सुप्रीम कोर्ट संवैधानिक मुद्दों का फैसला करता है, राजनीतिक बेईमानी से खेती को पूंजीपतियों की ड्योढ़ी पर बेचने की साज़िश का नहीं।" सुरजेवाला ने आगे कहा कि यहां सवाल तीन कृषि विरोधी कानूनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और अनाजमंडियों को ख़त्म करने एवं किसानों को उनके ही खेत में गुलाम बनाने का है। इसके लिए जरूरी है कि सरकार कानून निरस्त करे।
सुरजेवाला ने आगे कहा कि केवल तारीखों के फेर में किसानों को फंसाने और थकाने से कृषकों को हराया नहीं जा सकता है। कांग्रेस नेता ने कहा कि वैसे भी शीर्ष अदालत ने सरकार से किसानों की मांग पर विचार करने और समस्या का निराकरण निकालने को कहा है। ऐसे में फिर किसानों को शीर्ष अदालत में जाने के लिए कहने का कोई तुक नहीं है।
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