केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा है कि सरकार सचिवालय के सामने हड़ताली उम्मीदवारों के साथ समझौतावादी वार्ता करने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने इस सवाल को दोहराया कि क्या मुख्यमंत्री या मंत्री हड़ताल के समाधान के लिए बातचीत करेंगे, लेकिन उन्होंने टिप्पणी करने से मना कर दिया। सीएम ने कहा, यह नेताओं पर निर्भर करता है कि वे हड़ताल खत्म करें या नहीं। सरकार वही कर रही है जो वह कर सकती है। रैंक सूचियों का कार्यकाल बढ़ाने, रिक्तियों की रिपोर्ट करने, पदों में अवरोध दूर करने और नए पद सृजित करने की कार्रवाई की गई। इस प्रकार कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए हर संभव तरीके से कदम उठाए जा रहे हैं। सीएम ने कहा, मुझे उम्मीद है कि उम्मीदवार ईमानदारी से हस्तक्षेप को समझेंगे।
जैसे ही पीएससी रैंक धारकों के स्थिरीकरण के साथ सरकार आगे बढ़ी, सचिवों की नियुक्ति के लिए विरोध कर रहे पीएससी रैंक धारकों की अनदेखी करते हुए, प्रदर्शनकारियों ने विरोध का रूप बदल दिया। छह कार्यकर्ताओं ने विरोध तंबू से मूर्ति तक सड़क पर शोकसभा की। आने वाले दिनों में संकेत हैं कि जो लोग अधिक रैंक सूची में शामिल हैं, वे भी हड़ताल के साथ बाहर आ जाएंगे।
वही कल होमियो अटेंडेंट टू रैंक होल्डर्स एसोसिएशन की हड़ताल के साथ आया। LGS रैंक होल्डर्स की हड़ताल तय समय से 22 दिन पीछे है। एलजीएस रैंक धारकों और सीपीओ कार्यकर्ताओं के समर्थन के साथ और अधिक संगठन आगे आए। पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने भी कल दौरा किया।
बीते 24 घंटों में सामने आए इतने नए केस, जानिए कहा तक पंहुचा आंकड़ा
कोरोना टीकाकरण के मामले में गोवा अव्वल, दिल्ली फिसड्डी, स्वास्थय मंत्रालय ने जारी किए आंकड़े