जयपुर: राजस्थान के फलोदी जिले के देचू थाने में एक युवक ने देर रात फांसी लगाकर खुदखुशी कर ली। पुलिस ने उसे एक नाबालिग के दुष्कर्म मामले में थाने लाया था। पुलिस ने बताया, युवक ने थाने के अंदर बने एक कमरे में गमछे से फंदा लगाकर जान दे दी। वहीं, युवक के परिवार ने पुलिस पर उसके क़त्ल का आरोप लगाया है।
पुलिस ने युवक को एक दिव्यांग लड़की के साथ दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया था। पीड़ित लड़की बोल और सुन नहीं सकती थी। परिजनों ने बताया, लड़की ने पेट दर्द की शिकायत की थी, जिसके बाद हॉस्पिटल में जांच करवाई गई। चिकित्सक ने सोनोग्राफी की सलाह दी, जिससे पता चला कि लड़की गर्भवती है। फिर बलात्कार की घटना सामने आई। परिवार ने पीड़िता से पूछताछ की तो पता चला कि यह घटना चार महीने पहले हुई थी। तत्पश्चात, परिवार ने देचू थाने में आरोपी युवक के खिलाफ बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया।
मृतक युवक के परिवार का आरोप है कि युवक को तीन दिन पहले गिरफ्तार किया गया था, जबकि पुलिस ने कहा कि उसे सिर्फ पूछताछ के लिए रोका गया था। परिवार का दावा है कि पुलिस ने हिरासत में उसकी बेरहमी से पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि युवक को एक रात पहले ही गिरफ्तार किया गया था। युवक की मौत के पश्चात् बड़े आंकड़े में ग्रामीण देचू थाने के बाहर इकट्ठा होकर विरोध कर रहे हैं। खबर प्राप्त होने पर वरिष्ठ अफसर मौके पर पहुंचे तथा ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, किन्तु ग्रामीण आरोपी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं। युवक के परिवार का कहना है कि पुलिस ने उनके बेटे की पिटाई कर उसकी हत्या की है।
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