भोपाल. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों ने फिर मध्यप्रदेश को शर्मसार कर दिया है. एनसीआरबी की 2016 की रिपोर्ट में जो आंकड़े सामने आए हैं, उसमें मध्यप्रदेश दुष्कर्म के मामले में पहले स्थान पर है. हाल ही में मध्यप्रदेश सरकार ने 12 वर्ष की उम्र तक की बच्चियों के साथ बलात्कार करने वालों को फांसी की सज़ा दिलवाने के कानून का प्रस्ताव रखा था, और अब महिला और बाल विकास विभाग ने प्रदेश में दुष्कर्म पीड़िताओं को बंदूक का लाइसेंस देने का प्रस्ताव रखा है.
प्रदेश में बढ़ती दुष्कर्म की घटनाओं को देखते हुए महिला और बाल विकास विभाग ने प्रस्ताव रखा है कि प्रदेश में दुष्कर्म पीड़िताओं को बंदूक का लाइसेंस दिया जाए. इसके लिए विभाग की मंत्री अर्चना चिटनीस कने तर्क दिया कि “महिलाओं की सुरक्षा को लेकर इंतजाम करना जरूरी है. जो भी इसकी पात्र होंगी उन्हें लाइसेंस दिया जाएगा, लेकिन प्राथमिकता दुष्कर्म पीड़िताओं को मिलेगी. हालाकि अभी इस प्रस्ताव पर आम राय बनना बाकी है.”
इस प्रस्ताव के पीछे विभाग का तर्क यह भी कि “सभी दुष्कर्म पीड़िताओं को हर समय सुरक्षा दे पाना मुमकिन नहीं होता. कई बार देखने में आया है कि आरोपी अगर जमानत पर रिहा होता है तो पीड़िता को धमकाने की कोशिश की जाती है. इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए बंदूक का लाइसेंस दिया जाना जरूरी है.”
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