देश भर में हो रही रेप और गैंगरेप की घटनाओं से हरियाणा भी अछूता नहीं रहा है और सरकार इस मुद्दे पर कई बार आलोचना झेल चुकी है अब 12 साल से कम बच्चियों से रेप पर मौत की सजा के प्रावधान के बाद सरकार ने एक और फैसला लिया है जिसके अंतर्गत रेपिस्ट को सरकार की तरफ से मिलने वाली तमाम सुविधाएं बंद कर दी जाएगी. हरियाणा सरकार की कैबिनेट बैठक में जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने की ने ये फैसला लिया है.
गौरतलब है कि इससे पहले फरवरी 2018 में ही राज्य सरकार ने महिला अपराधों से जुड़े भारतीय दंड संहिता के कानून की धारा 376, 376 डी, 354, 354 की धारा 2 में कुछ नई धाराएं जोड़ी थी. ताकि महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अत्याचार पर रोक लगाई जा सके. खट्टर सरकार ने आईपीसी की धारा 376 में एक नया सेक्शन जोड़कर राज्य में 12 साल से कम उम्र की लड़कियों के गैंग रेप के आरोपियों को मृत्यु दंड देने का प्रावधान किया था. मृत्युदंड के अलावा कठोर कारावास और जुर्माने सहित 14 साल या आजीवन कारावास का दंड का प्रावधान भी किया गया था. आरोपियों से जुर्माना भी वसूला जाएगा जिसकी राशि पीड़िता को राहत के तौर पर दी जाएगी.
राज्य सरकार ने आईपीसी की धारा 354 में भी संशोधन किया है. अब छेड़छाड़, मारपीट और महिला की इज्जत पर हाथ डालने के आरोपियों के लिए कम से कम 2 साल और अधिकतम 7 साल की सजा का प्रावधान किया है.
देश के नामी अस्पताल समूह का नाता नीरव मोदी से
बच्चों को मार उनकी आंखें निकाली
यूपी की जेल में एक और कैदी की मौत
फरीदाबाद: अस्पताल में नाबालिग से रेप