भोपाल: मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के वन क्षेत्र में रायनो और अन्य दुर्लभ व लुप्तप्राय: प्रजातियों के वन्य प्राणियों को लाने की संभावनाओं का अध्ययन कराया जाए. जंगली जानवरों से जान-माल की रक्षा के लिए पर्याप्त एवं प्रभावी उपाय किए जाएं, वन्य प्राणियों के लिए प्रत्येक संभाग में रेस्क्यू सेंटर शुरू करने के लिए कार्ययोजना बनाई जाए. सीएम ने मंत्रालय में मध्य प्रदेश राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की 26वीं बैठक को संबोधित करते हुए यह निर्देश दिए.
सीएम को बैठक में बताया गया कि चीता परियोजना के आगामी चरणों के लिए दक्षिण अफ्रीका एवं केन्या के दलों की ओर से गांधी सागर अभ्यारण्य एवं कूनो राष्ट्रीय उद्यान का भ्रमण किया गया है. गांधी सागर अभ्यारण्य में चीता पुनर्स्थापना के लिए सभी तैयारी पूर्ण कर ली गई है. क्षेत्र में चीतलों की संख्या बढ़ाने के लिए कान्हा तथा अन्य जगहों से उनका पुनर्स्थापना किया गया है. कान्हा एवं सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से संजय टाइगर रिजर्व में 50 गौरों की सफलतापूर्वक पुनर्स्थापना भी की गई है.
बैठक में रातापानी अभ्यारण्य के तहत बमनई जी.पी. से देलावाड़ी तक मार्ग के किनारे-किनारे राइट-ऑफ-वे में ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने के लिए 0.090 हेक्टेयर वन भूमि भारत संचार निगम, औबेदुल्लागंज को इस्तेमाल पर दिए जाने की वन्यप्राणी अनुमति को अनुमोदन प्रदान किया गया. इसी क्रम में माधव राष्ट्रीय उद्यान के तहत आने वाली वन भूमि में मुख्य पेयजल पाइप लाइन संबंधी विषय, बैतूल एवं नर्मदापुरम जिले में जुझारपुर से ढोहरामोहार के मध्य तीसरी रेलवे लाइन के निर्माण के लिए वन भूमि सेन्ट्रल रेलवे को देने संबंधी वन्य प्राणी अनुमति एवं रातापानी अभ्यारण्य को रातापानी टाइगर रिजर्व घोषित करने के प्रस्ताव पर विचार-विमर्श हुआ. वन्य प्राणी बोर्ड की मीटिंग में वन विभाग के अफसर एवं बोर्ड के अशासकीय सदस्य भी सम्मिलित हुए.
ग्वालियर के बड़े अस्पताल में चूहों ने मचाया आतंक, कांग्रेस ने वीडियो शेयर कर कसा तंज
गाजियाबाद: घर में भड़की भीषण आग, 7 माह के बच्चों समेत 5 लोगों की मौत