हैदराबाद से एक कोरोना से स्वस्थ हुए मरीज के दिमाग में सफेद फंगस अथवा एस्परगिलस का फोड़ा बनने का दुर्लभ केस सामने आया है। मरीज इस वर्ष मई में कोरोना से स्वस्थ हो गया था। कोरोना से स्वस्थ हुए इस रोगी को कुछ दिन पश्चात् बोलने में मुश्किल होने लगी। इसके पश्चात् चिकित्सकों ने मरीज के दिमाग का स्कैन किया। जिससे पता चला कि रोगी में थक्के जैसे लक्षण हैं जो दवा लेने के पश्चात् भी कम नहीं हुए। सर्जरी के पश्चात् ही चिकित्सकों ने पाया कि सफेद फंगस ने रोगी के दिमाग में एक फोड़ा बना लिया था।
चिकित्सकों ने इसको लेकर बताया, यह केस अनोखा है क्योंकि उसके दिमाग में सफेद फंगस से एक फोड़ा बनता है। यह वायरस कोरोना से स्वस्थ होने के बाद का है। सामान्य रूप से कोरोना के मरीजों में फंगल इंफेक्शन डायबिटिक होने पर पाया जाता है। उपचार के हालात के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए, डॉ पी रंगनाधम ने बताया कि मरीजों को अंगों में कमजोरी तथा हॉस्पिटल में एडमिट होने के छठे दिन कोरोना की दूसरी लहर के चरम के चलते बोलने में कठिनाई की शिकायत होने लगी थी।
वही शुरुआत में, उन्होंने कहा कि रोगी का हेमेटोमा के लिए उपचार किया गया था, मगर कुछ दिन पश्चात् मरीज के दिमाग का एमआरआई करने के पश्चात्, यह पाया गया कि घाव का आकार बहुत बड़ा है। चिकित्सकों ने इस बीमारी को एस्परगिलोसिस करार दिया। एस्परगिलोसिस एक तरह के मोल्ड (कवक) की वजह से होने वाला संक्रमण है। एस्परगिलोसिस संक्रमण से होने वाले रोग सामान्य रूप से श्वसन प्रणाली को प्रभावित करती हैं, मगर उनके लक्षण तथा गंभीरता अलग-अलग हो सकते हैं।
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