नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने सोमवार को संसद के उच्च सदन में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में बढ़ रहे नस्लवाद का मुद्दा उठाया। बता दें कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हाल ही में दक्षिण भारत की एक छात्रा रश्मि सामंत को विरोध के चलते ऑक्सफोर्ड स्टूडेंट यूनियन की अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। रश्मि सामंत का विरोध जय श्रीराम का नारा और हिंदू होने के कारण हुआ। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राज्यसभा में कहा कि, हम महात्मा गांधी के देश के लोग हैं, ऐसे में नस्लवाद और जातिवाद के मसले से हम कभी नज़र नहीं फेर सकते हैं। वो भी उस देश में जहां भारतीय बड़ी तादाद में रहते हों। ब्रिटेन के साथ हमारे मजबूत संबंध हैं। यदि कोई मामला सामने आता है तो हम उनके सामने अवश्य उठाएंगे। हम इस मामलो पर करीब से निगाह रखे हुए हैं।
कर्नाटक के उडुपी की निवासी 22 वर्षीय रश्मि सामंत 11 फरवरी 2021 को ऑक्सफोर्ड स्टूडेंट यूनियन की अध्यक्ष निर्वाचित हुईं थीं। रश्मि पहली भारतीय महिला बनीं, जिन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में यह मुकाम हासिल किया था। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, रश्मि सामंत के साथ इस पद के लिए तीन और उम्मीदवार थे। जिसमें से रश्मि सामंत को सबसे ज्यादा वोट मिले थे। 3,708 वोटों में से रश्मि को 1,966 वोट प्राप्त हुए थे। जो बाकी अन्य दो उम्मीदवारों से अधिक थे। रश्मि मणिपाल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी की पूर्व छात्रा भी हैं। इसकी के बाद रश्मि सामंत सुर्ख़ियों में आईं। उन्हें एक ओर जहां अखबरों और न्यूज चैनलों पर सराहा गया, तो वहीं दूसरी तरफ अपनी हिंदू पहचान को लेकर ऑक्सफोर्ड में नस्लवाद का शिकार होना पड़ा।
हद तो तब हो गई जब सोशल मीडिया पर रश्मि सामंत को हिंदू होने और जय श्रीराम के लिए टारगेट किया जाने लगा। सोशल मीडिया पर ऐसे कई पोस्ट किए गए थे, जिसमें रश्मि को एक समर्पित हिंदू होने के नाते भी निशाना बनाया जा रहा था। ऑक्सफोर्ड के एक फैकल्टी मेंबर ने रश्मि सामंत के माता-पिता को भी इस विवाद के साथ जोड़ा लिया। ऑक्सफोर्ड के एक फैकल्टी मेंबर ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया, जिसमें रश्मि सामंत के माता-पिता के सोशल मीडिया अकाउंट पर भगवान श्री राम की फोटो लगी हुई थी, तस्वीर पर कैप्शन था- 'जय श्रीराम एक ही नारा'। इस तस्वीर को पोस्ट कर ऑक्सफोर्ड के फैकल्टी मेंबर ने रश्मि सामंत पर आरोप लगाते हुए कहा था कि रश्मि के छात्र परिषद चुनावों को भारत के पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा वित्त पोषित किया गया था। इन्ही तमाम पोस्ट और तस्वीरों को आधार बनाकर रश्मि सामंत पर नस्ली और असंवेदनशील होने का इल्जाम लगाया गया। उन्हें नस्लवादी, इस्लामोफोबिक, ट्रांसफोबिक और यहूदी विरोधी बताया गया। इन्ही सब बातों और अप्रत्यक्ष रूप से दबाव बनाने के बाद रश्मि सामंत ने अपना पद छोड़ना पड़ा था।
NID DAT 2021 आंसर की हुई अपडेट
JNU देशद्रोह केस: पटियाला हाउस कोर्ट में पेश हुए कन्हैया कुमार, 7 अप्रैल को चार्जशीट की स्क्रूटनी
सरकार बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स Mfg के लिए PLI योजना का कर सकते है आयोजन