देहरादून: उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने में अहम भूमिका निभाने वाले रैट होल माइनर्स ने सीएम पुष्कर सिंह धामी द्वारा इनाम के तौर पर दिए गए चेक का भुगतान लेने से मना कर दिया है। माइनर्स ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा दी जाने वाली यह रकम उनकी भूमिका के हिसाब से नहीं है। रैट होल माइनिंग की टीम को नेतृत्व करने वाले वकील हसन ने कहा कि यह एक निराशाजनक स्थिति थी। जब मशीनें फंसे हुए मजदूरों तक पहुंचने में नाकाम थीं, तब हमने बिना किसी शर्त के अपने जीवन को खतरे में डालते हुए मलबे में मैन्युअल रूप से ड्रिलिंग की। हम सीएम के कदम की प्रशंसा करते हैं, मगर हमें जो राशि दी गई है, उससे संतुष्ट नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित 12 माइनर्स ने सामूहिक रूप से चेक का भुगतान न लेने का निर्णय लिया है। जिस दिन हमें चेक सौंपे गए थे, उसी दिन मैंने सीएम को अपना असंतोष व्यक्त किया था। उस समय अफसरों द्वारा आश्वासन दिया कि हमारे संबंध में कुछ ऐलान एक-दो दिनों में किया जाएगा, तत्पश्चात, हम वहां से लौट आए। हालांकि, यदि वादा पूरा नहीं किया गया तो हम चेक वापस कर देंगे। ऑपरेशन में सहायता करने वाले रैट-होल माइनर्स अपने लिए स्थायी नौकरी प्रदेश सरकार से उम्मीद करते हैं।
हासन की अध्यक्षता वाली कंपनी रॉकवेल इंटरप्राइजेज के लिए काम करने वाले तथा फंसे हुए मजदूरों तक पहुंचने वाले पहले व्यक्ति मुन्ना ने कहा कि फंसे हुए मजदूरों को बचाने के लिए किए गए प्रयासों को देखते हुए उन्हें दी गई राशि पर्याप्त नहीं थी। आगे उन्होंने कहा कि फंसे हुए मजदूरों को बचाने के लिए हम सचमुच मौत के मुंह में चले गए। हमने अपने परिवार के सदस्यों की बात नहीं सुनी क्योंकि, मानव जीवन को बचाना था। हमारी भूमिका को स्वीकार करने के लिए चेक बहुत मामूली है। इससे हमारा मनोबल गिरा है। हम सरकार से एक स्थायी नौकरी या रहने के लिए घर प्राप्त होने की उम्मीद थी। आपको बता दें कि 17 दिनों पश्चात् सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की जान बचाने 12 रैट होल माइनर्स को उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पचास हजार रुपये का चेक देकर सम्मानित किया था।
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