मुंबई: हमारे देश में लगातार बढ़ता जा रहा कोरोना जैसी बीमारी का प्रकोप अब धीरे धीरे गति पकड़ता ही जा रहा है. जिसके कारण आज देश भर में कोट का अकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. वहीं यदि पूरी दुनिया का हाल देखा जाए तो पता लगाया जा सकता है कि अब तक 25000 से अधिक लोग मौत का शिकार हो चुके है. जंहा इस बात को ध्यान में रखते हुए कोरोनावायरस से निपटने में कॉर्पोरेट वर्ल्ड की जिम्मेदारी को समझते हुए देश के सबसे वरिष्ठ उद्योगपति रतन टाटा आगे गए. 82 वर्षीय टाटा ने शनिवार शाम 4 बजकर 18 मिनट पर ट्वीट किया कि कम्युनिटी को मजबूत करने और उसकी हिफाजत करने की कोशिशों में टाटा ट्रस्ट 500 करोड़ रुपए खर्च करेगा. ढाई घंटे बाद यानी शाम 6 बजकर 48 मिनट पर टाटा सन्स ने ट्वीट कर 1,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त मदद का ऐलान कर दिया. 151 साल पुराने इस समूह में टाटा ग्रुप, टाटा सन्स और टाटा ट्रस्ट अलग-अलग है. टाटा ग्रुप में 100 से ज्यादा कंपनियां हैं. इसकी 17 लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन 9.20 लाख करोड़ रुपए है. टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा सन्स कहलाती है. इसी टाटा सन्स में टाटा ट्रस्ट की 66% हिस्सेदारी है.
रतन टाटा ने कहा- तुरंत कदम उठाने की जरूरत: मिली जानकारी के अनुसार इस बात का पता चला है कि रतन टाटा ने अपने ट्वीट में कहा कि कोरोनावायरस का संकट हमारी पीढ़ी की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है. टाटा सन्स और टाटा ग्रुप की कंपनियां पहले भी देश की जरूरत के वक्त आगे रही हैं, लेकिन मौजूदा जरूरत सभी दौर की जरूरतों के मुकाबले सबसे बड़ी है.
The COVID 19 crisis is one of the toughest challenges we will face as a race. The Tata Trusts and the Tata group companies have in the past risen to the needs of the nation. At this moment, the need of the hour is greater than any other time. pic.twitter.com/y6jzHxUafM
Ratan N Tata March 28, 2020
टाटा ट्रस्ट की रकम इन 5 कामों पर खर्च होगी:-
1. कोरोना का इलाज करने और संक्रमण रोकने में जुटे मेडिकल स्टाफ के निजी सुरक्षा उपकरणों के लिए
2. कोरोना पीड़ित मरीजों को रेस्पायरेटरी सिस्टम उपलब्ध करवाने के लिए
3. टेस्टिंग किट के लिए ताकि, ज्यादा से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग हो सके
4. संक्रमित मरीजों के लिए बेहतर सुविधाएं तैयार करने में
5. हेल्थ वर्कर और आम जनता को प्रशिक्षित और जागरुक करने के लिए
देश के दूसरे कॉर्पोरेट ने अब तक क्या किया?
मुकेश अंबानी, चेयरमैन (रिलायंस इंडस्ट्रीज): महाराष्ट्र मुख्यमंत्री राहत कोष में 5 करोड़ रुपए दिए. रिलायंस फाउंडेशन ने बीएमसी के साथ मिलकर मुंबई के सेवन हिल्स हॉस्पिटल में कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए 100 बेड का सेंटर बनाया है. महाराष्ट्र के लोधीवाली में आइसोलेशन सेंटर भी बनाया है.
अनिल अग्रवाल, चेयरमैन (वेदांता रिसोर्सेज): कोरोनावायरस से लड़ने के लिए 100 करोड़ रुपए की मदद का ऐलान किया है.
आनंद महिंद्रा, चेयरमैन (महिंद्रा ग्रुप): उनकी कंपनी अपनी यूनिट्स में वेंटिलेटर बनाएगी, ताकि देश में वेंटीलेटर कम न पड़ें. महिंद्रा ने अपनी अपनी हॉलीडे कंपनी क्लब महिंद्रा को भी मरीजों की देखभाल के लिए खोलने का प्रस्ताव दिया है. महिंद्रा अपनी 100% सैलरी कोविड-19 फंड में देंगे. यह फंड छोटी इंडस्ट्री और डेली वेजेज पर काम करने वाले लोगों की मदद के लिए बनाया गया है.
पंकज एम मुंजाल चेयरमैन (हीरो साइकल्स): कोरोनावायरस से निपटने के लिए कंपनी के इमरजेंसी फंड में से 100 करोड़ रुपए देने की घोषणा.
बजाज ग्रुप: हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर करने, खाने और रहने के इंतजाम करने के लिए 100 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया है.
विजय शेखर शर्मा, फाउंडर-सीईओ (पेटीएम): उनकी कंपनी वेंटिलेटर और दूसरे जरूरी सामान बनाने वालों को 5 करोड़ रुपए की मदद करेगी.
पारले: कंपनी अगले तीन हफ्ते में बिस्किट के 3 करोड़ पैकेट बांटेगी.
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