हर साल रथ सप्तमी का व्रत रखा जाता है. ऐसे में इस बार यह व्रत 12 फरवरी को रखा जाने वाला है. कहा जाता है इस व्रत को रखने से निरोगी काया मिल जाती है और इस व्रत को रखने से कभी कोई बिमारी नहीं होती है. ऐसे में आप सभी को बता दें कि रथ सप्तमी को आरोग्य सप्तमी और अचला सप्तमी भी कहा जाता है. माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन आने वाले इस व्रत को करने से जातक को शारीरिक रोगों से मुक्ति मिलती है और लंबी आयु प्राप्त होना शुरू हो जाती है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं रथ सप्तमी व्रत के क्या लाभ है.
लाभ -
- कहते हैं व्रत को करने से पुराने और जीर्ण रोगों से छुटकारा मिलने लगता है.
- आप सभी को बता दें कि जो व्यक्ति रथ सप्तमी का व्रत करते हैं उन्हें गंभीर रोग नहीं होते हैं.
- कहते हैं रथ सप्तमी पर सूर्यदेव को अर्घ्य देते समय जल की धारा के बीच में से उगते सूर्य को देखने से नेत्रों के रोग ठीक हो जाते हैं.
- कहा जाता है इस दिन प्रातः सूर्य नमस्कार करने से मानसिक बल मिलता है और मस्तिष्क संबंधी रोग खत्म हो जाते हैं.
- ज्योतिषों के अनुसार रथ सप्तमी का व्रत रखकर नमक नहीं खाने से त्वचा संबंधी रोग दूर हो जाते हैं.
- कहते हैं इस व्रत को करने से सूर्यदेव प्रसन्न हो जाते हैं और जन्मकुंडली में सूर्य पीड़ाकारी हो तो उनकी शांति होती है.
- ज्योतिष के अनुसार रथ सप्तमी व्रत से मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होने लगती है.
- कहते हैं निःसंतान दंपती यदि यह व्रत करें तो उन्हें गुणी और ज्ञानवान संतान मिल जाती है.
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