नई दिल्लीः देश में चल रही मंदी के बीच तमाम तरह की आर्थिक एजेंसिय़ां देश के विकास दर के बारे में अपना अनुमान जता रही है। अधिकतर एजेंसियों ने अपना अनुमान घटाया है। इस कड़ी में एक और रेटिंग एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष में देश के विकास दर का अनुमान लगाया है। रेटिंग एजेंसी फिच 6.6 फीसद विकास दर रहने का अनुमान जताया है। जो बीते साल 6.8 फीसद से कम है। फिच ने कहा कि भारत के पास उच्च कर्ज होने के कारण राजकोषीय नीतियों को सरल करने की गुंजाइश सीमित है।
इसके साथ ही फिच ने अगले साल अर्थव्यवस्था में सुधार आने की भी बात कही। फिच ने कहा कि भारत की जीडीपी ग्रोथ अगले साल बेहतर होकर 7.1 फीसद पर आ सकती है। फिच ने बताया कि भारत की जीडीपी ग्रोथ में लगातार पांचवी तिमाही में कमी आई है। एजेंसी ने कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 5 फीसद रही, जो कि छह सालों की न्यूनतम है। रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा कि घरेलू मांग में कमी आ रही है, निजी खपत और निवेश दोनों में कमी आ रही है वहीं, वैश्विक ट्रेड वातावरण भी कमजोर है।
साथ ही फिच ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर सिर्फ 0.6 फीसद से विकास कर रहा है। एजेंसी ने कहा कि यहां उच्च सार्वजनिक ऋण देने के कारण राजकोषीय नीतियों को सरल करने की गुंजाइश सीमित है। रबता दें कि सरकार लगातार आर्थिक मोर्चे पर मिल रही विफलता को लेकर सजग हो गयी है। सरकार ने कई कदम उठाए हैं। मगर अब तक कोई अपेक्षित सफलता हाथ नहीं लगी है।
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