जम्मू: कोरोना वायरस महामारी के कारण लागू किए गए लॉकडाउन के बाद लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जम्मू का बेसहारा बच्चों का आश्रय बालग्राम, लॉकडाउन की वजह से खुद बेसहारा होने की कगार पर आ गया है. पूरी तरह से दान की सहायता से चलने वाले इस बालग्राम में कुछ ही दिनों का राशन बाकी रह गया है.
122 बच्चों पर आधारित इस चैरिटेबल होम में लॉकडाउन की वजह से दानकर्ता पहुंच नहीं पा रहे हैं. जिससे यहां रह रहे बच्चों के लिए खाने- पीने के समान का संकट खड़ा हो गया है. बच्चों में कोरोना से अधिक इस बात का डर है कि आने वाले समय में बगैर राशन के काम कैसे चलेगा. बच्चे और चैरिटेबल होम चलाने वाले लोग यही सोचकर परेशान हो रहे हैं कि यदि वक़्त रहते कोई डोनर आगे नहीं आया तो आगे क्या होगा.
सरकार का समाज कल्याण विभाग इस बालग्राम चैरिटेबल होम को महज 3 लाख रुपए की वार्षिक सहायता करता है. जबकि इस होम में रहने वाले 122 बच्चों के लिए 10वीं क्लास तक शिक्षा, किताबें, कपड़े, रहना खाना पीना, और स्टाफ का खर्चा तकरीबन 1 लाख रुपए प्रतिमाह बैठता है, जो उन सब दानकर्ताओं पर निर्भर रहता है, जिनके कदम कोरोना और लॉक डाउन ने रोक दिए हैं.
राष्ट्रीय पंचायत दिवस यानी आज पीएम मोदी पंचायत प्रतिनिधियों से करेंगे बात
शेयर बाजार में बिकवाली हावी, 500 अंक लुढ़का सेंसेक्स
लॉकडाउन के बीच राहत भरी खबर, इस राज्य में खुली दुकानें