शिमला: हिमाचल प्रदेश में 34 हजार लोगों का डिपुओं में मिल रहा सस्ता राशन बंद होने जा रहा है। स्टेट में 34 हजार ऐसे लोग हैं, जो प्रदेश के साथ बाहरी राज्यों में भी फर्जी राशनकार्ड बनवाकर सस्ता राशन लेने का लाभ भी उठा रहे है। डबल एंट्री होने से इन्हें ब्लॉक किया जाने वाला है। ये राशनकार्ड धारक बाहरी राज्यों के निवासी है। हिमाचल प्रदेश खाद्य आपूर्ति निगम ने बाहरी राज्यों को अवगत कराने के लिए विभागीय बेवसाइट पर पर फर्जी राशनकार्ड धारकों की लिस्ट डाल दी है। इसमें कहा गया है कि इन सदस्यों के नाम दूसरे राज्यों में बने राशनकार्ड में ही रखे जा रहे हैं या हटाया जा रहा है।
केंद्र सरकार की योजना के अनुसार क देश में एक ही राशनकार्ड होना जरुरी है। इसको लेकर राज्य सरकार ने खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता केस विभाग को आधार कार्ड के साथ राशनकार्ड के सत्यापन करने के निर्देश भी जारी कर दिए गए है। सत्यापन के बाद ही 34 हजार फर्जी राशन कार्ड बनवाकर सस्ता राशन पाने वालों के नाम सामने आ चुके है।
यही नहीं, कई केस ऐसे हैं, जिनमें शादी होने के उपरांत भी महिलाओं के नाम को राशनकार्ड से नहीं काटे गए हैं, जबकि दूसरी जगह इन्हें जोड़ दिया गया है। प्रदेश में साढ़े 19 लाख राशनकार्ड धारक परिवार हैं। प्रदेश गवर्नमेंट उपभोक्ताओं को सब्सिडी पर डिपो में सस्ता राशन उपलब्ध करा रही है, इसमें तीन दालें मलका, माश और दाल चना, दो लीटर तेल (रिफाइंड और सरसों), चीनी और एक किलो नमक शामिल है। जिसके साथ साथ आटा और चावल केंद्र सरकार सब्सिडी पर दे रही है। बाजार मूल्य की अपेक्षा लोगों को यह राशन आधे दाम पर मिल रहा है। ऐसे में लोगों ने दो-दो जगह अपने राशनकार्ड बनवा रखे हैं। खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता केस विभाग के संयुक्त निदेशक रविंद्र ठाकुर ने कहा है कि जिलों से आए राशनकार्ड में डबल एंट्री का फाइनल आंकड़ा आ गया है। इनकी संख्या 34 हजार है। विभागीय बेवसाइट पर यह जानकारी भी शेयर कर दी है।
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