रतलाम लोकसभा सीट : कांग्रेस और भाजपा के बीच होगी कांटे की टक्कर !

रतलाम लोकसभा सीट : कांग्रेस और भाजपा के बीच होगी कांटे की टक्कर !
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दिलीप सिंह की रिपोर्ट

झाबुआ। मध्यप्रदेश की रतलाम आदिवासी सुरक्षित सीट से भाजपा ने इस बार आलिराजपुर से महिला प्रत्याशी के तौर पर वन मंत्री नागर सिंह चौहान की धर्म पत्नी और आलिराजपुर जिला पंचायत की अध्यक्षा श्रीमति अनिता चौहान को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा के टिकिट घोषित किये जाने के बाद कांग्रेस की और से अभी टिकिट घोषित किया जाना बाकि है, लेकिन राजनैतिक सूत्रों की माने तो इस सीट से कांग्रेस आदिवासी धाकड़ नेता व पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया को एक बार फिर से मैदान में उतारने जा रही है। कांतिलाल भूरिया ने अपना चुनाव अभीयान भी प्रारंभ कर दिया है।

रतलाम संसदीय सीट के इतिहास पर एक नजर डाले तो इस सीट पर 1952 से लगाकर आज तक सिर्फ एक बार महिला उम्मीदवार के रूप में 1962 में जमुना देवी कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीती थी। इसके बाद से इस सीट पर कोई भी महिला उम्मीदवार कांग्रेस और भाजपा से टिकिट पर चुनाव नहीं जीत पाई है। 1980 में ही जमुना देवी दूसरी बार जब चुनाव मैदान में उतरी तो वे चुनाव हार गई,1991 में रेलम चौहान को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया तो वे भी चुनाव हार गई और इसी तरह से 2015 में भाजपा ने सुश्री निर्मला भूरिया को चुनाव लड़ाया लेकिन वे भी चुनाव हार गई।

1971 व 1977 में आलिराजपुर से दो बार भागीरथ भंवर लोकसभा का चुनाव जीते लेकिन तिसरी बार 1996 में वे चुनाव हार गये। वहीं भाजपा ने 1984 व 1989 में भगवानसिंह चौहान को टिकिट दिया लेकिन वे दोनो चुनाव हार गये तब से लगाकर अब तक आलिराजपुर को लोकसभा के लिये प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं मिला अब 35 सालों के बाद एक बार फिर से भाजपा ने अनिता नागर सिंह चौहान को उम्मीदवार बनाकर आलिराजपुर को इस संसदीय सीट से प्रतिनिधित्व दिया है।

वर्तमान परिदृष्य में इस संसदीय सीट के बारे में देखे तो 8 विधानसभा सीटों में से चार विधानसभा सीट आलिराजपुर, पेटलावद, रतलाम और रतलाम ग्रामीण सीट पर भाजपा का कब्जा है जबकि तीन सीट जोबट, झाबुआ और थांदला पर कांग्रेस का कब्जा है। एक सिट सैलाना पर निर्दलिय का कब्जा है। ऐसे में देखा जाये तो कांग्रेस और भाजपा के बिच यहां पर कांटे की टक्कर है।

झाबुआ और आलिराजपुर जिलों की सीटों का वोटों के मान से हिसाब देखे तो कांग्रेस भाजपा से विधानसभा चुनावों के हिसाब से आगे है जबकि रतलाम क्षेत्र की तीन विधानसभा सिटों का हिसाब देखें तो भाजपा कांग्रेस से आगे है। आठों विधानसभा सीटों को मिलाकर हिसाब देखे तो भाजपा कांग्रेस से आगे है। ऐसे में साफ है कि कांग्रेस को रतलाम क्षेत्र में और भाजपा को झाबुआ और आलिराजपुर जिले में कड़ी मेहनत की आवश्यकता होगी। जो भी उम्मीदवार अपने कमजोर क्षेत्र में पकड़ मजबूत करेगा वही बाजी मारेगा! क्योंकि अगर कांग्रेस से कांतिलाल भूरिया मैदान में उतरते है तो वे राजनीति के मंजे हुए खिलाड़ी और पांच बार के सांसद रह चुके है उनको क्षेत्र में सभी लोग जानते है और उनकी पकड़ गांव-गांव तक मजबूत है। 

इसके विपरीत अनिता नागरसिंह चौहान अभी नई उम्मीदवार है उनके पति नागरसिंह चौहान वन मंत्री के दम पर ही वे मैदान फतह कर सकती है। संसदीय क्षेत्र काफी बड़ा है और हर गांव व हर मतदाता तक पहूंचने का समय कम है। ऐसे में दोनों ही दल आने वाले दिनों में भगौरिया हाट बाजारों को अपना-अपना प्रचार का माध्यम बनायेगें। झाबुआ में 11 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुनाव रैली को संबोधित कर चुके है जबकि राहुल गांधी न्याय यात्रा के दौरान बदनावर में आगामी दिनों में सभा करने वाले है। कुल मिलाकर इस लोकसभा चुनाव में रतलाम संसदीय सीट पर चुनाव प्रचार देखने लायक होगा और यहां दोनों दलों के बीच कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है।

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